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प्रदेशभर के NHM कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा, 25 कर्मियों के बर्खास्तगी का जताया विरोध…

प्रदेशभर के NHM कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा, 25 कर्मियों के बर्खास्तगी का जताया विरोध…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों ने सरकार की बर्खास्तगी कार्रवाई के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। प्रदेशभर के 33 जिलों में करीब 16,000 NHM कर्मचारियों ने अपने-अपने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को इस्तीफा सौंपकर नियमितीकरण समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को और तेज कर दिया है।

बर्खास्तगी से भड़का आक्रोश-

NHM कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इन मांगों में नियमितीकरण, समान वेतन, 27% लंबित वेतन वृद्धि, पारदर्शी स्थानांतरण नीति, 10 लाख तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा और ड्यूटी के दौरान मृत कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी शामिल हैं। सरकार ने 13 अगस्त को हुई बैठक में 10 में से 5 मांगों को मंजूरी दी थी, लेकिन हड़ताल जारी रहने पर 35 NHM कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया।

जिलों में सामूहिक इस्तीफे-

बस्तर: 887 NHM कर्मचारियों ने सीएमएचओ प्रभारी बीके ठाकुर को सामूहिक इस्तीफा सौंपा। जिला अध्यक्ष शकुंतला ने कहा, “शासन ने हमारी मांगों को अनदेखा किया और 10 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। अब पूरे प्रदेश के कर्मचारी एकजुट होकर इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन हड़ताल जारी रहेगी।”

कांकेर: 655 स्वास्थ्यकर्मियों ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को इस्तीफा सौंपा।

बलौदाबाजार: 421 कर्मचारियों ने सीएमएचओ को सामूहिक इस्तीफा दिया।

मुंगेली: 300 से अधिक कर्मचारियों ने सीएमएचओ कार्यालय में इस्तीफा जमा किया।

बिलासपुर: 735 संविदा कर्मचारियों ने कोन्हेर उद्यान से बाइक रैली निकालकर सीएमएचओ कार्यालय का घेराव किया। सीएमएचओ डॉ. शुभा गढ़ेवाल ने इस्तीफा स्वीकार किया। कर्मचारियों ने नारेबाजी कर नियमितीकरण और ग्रेड पे की मांग दोहराई।

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर-

NHM कर्मचारियों की हड़ताल से राज्य के स्वास्थ्य केंद्र और उप-स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। बच्चियों के टीकाकरण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, और अस्पतालों में नियमित सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। बिलासपुर में सीएमएचओ डॉ. शुभा गढ़ेवाल ने दावा किया कि नियमित कर्मचारियों के जरिए टीकाकरण कार्य जारी है, लेकिन मरीजों की बढ़ती भीड़ और कर्मचारियों की कमी से स्थिति गंभीर हो गई है।

 

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