
CG ब्रेकिंग: आरंग में बिना काम के ठेकेदार को 35 लाख 82 हजार का भुगतान, शिवसेना ने जताया विरोध…
आरंग। राजधानी रायपुर के आरंग नगर पालिका में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां एक ठेकेदार को बिना काम किए ही 35 लाख 82 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है। लेकिन निर्माण कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुई थी और इस निर्माण कार्य को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। वही शिवसेना ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताते हुए इस कार्य को जल्द ही शुरू कराने और संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की है।
बिना काम किए ही 35 लाख का भुगतान
शिवसेना जिला ग्रामीण अध्यक्ष पार्षद प्रतिनिधि राकेश शर्मा ने बताया कि बस स्टेंड व्यावसायिक परिसर के नव निर्माण हेतु 6 करोड़ 69 लाख का वर्क आर्डर राधेश्याम अग्रवाल रायपुर को वर्ष 2023 में किया गया था। वर्क आर्डर में 18 माह में कार्य पूर्ण करने का ऑर्डर किया गया था उक्त ठेकेदार को वर्क आर्डर के पश्चात 35 लाख 82 हजार रुपए भुक्तान कर दिया गया है।
नए सिरे से कार्य प्रारंभ किया जाए
शिव सैनिकों ने आरोप लगाया है कि राशि भुक्तान पश्चात निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है जिस पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी को शिव सैनिकों ने कहा कि उत्तर ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड कर राशि की रिकवरी की जाए। वह नए सिरे से निविदा बुलाकर तत्काल कार्य प्रारंभ किया जाए तथा स्थल परिवर्तन न कर उसी जगह पर बस स्टेंड व्यावसायिक परिसर बनाया जाए ज्ञापन देने वालों में शिवसेना के जिला उपाध्यक्ष केशव वैष्णव, व्यास सोनकर, टेकराम देवांगन, उजाला धीवर, कमलेश निर्मलकर , भुवनेश्वर लोधी कोमल यादव तेज निर्मलकर व अधिक संख्या में शिव सैनिक उपस्थित थे।
कांग्रेस शासन में हुआ पूरा खेला
आपको बता दें पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में वर्ष 2023 में आरंग के बस स्टैंड का कायाकल्प करने के लिए 06 करोड़ 69 लाख रुपये का वर्क ऑर्डर मेसर्स राधेश्याम अग्रवाल अवंती विहार रायपुर को मिला था, इस कार्य को डेढ़ साल में पूर्ण करना था लेकिन दो साल में भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हैरानी की बात है कि ठेकेदार को इस कार्य के लिए 35 लाख 82 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है। सत्ता परिवर्तन के बाद आरंग नगर पालिका में भाजपा काबिज हुई। तब नगर पालिका परिषद की बैठक में बस स्टैंड को बैहार में शिफ्ट करने की सहमति भाजपा पार्षदों और शिवसेना द्वारा दी गई थी। कांग्रेस ने इसका विरोध भी किया।
