छत्तीसगढ़रायपुर

दीनदयाल चौक पर आयोजन बना खतरा – उजड़ने की कगार पर हरा-भरा परिसर

दीनदयाल चौक पर आयोजन बना खतरा – उजड़ने की कगार पर हरा-भरा परिसर

रायपुर। नवा रायपुर का दीनदयाल चौक, जिसे राजधानी की पहचान और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है, एक बार फिर संकट में है। दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर 25 सितंबर को यहां माल्यार्पण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। तैयारियां नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) द्वारा की जा रही हैं, लेकिन पिछले वर्षों का अनुभव इस आयोजन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

पिछले साल भी इसी तरह के कार्यक्रम में NRDA की लापरवाही उजागर हुई थी। भारी-भरकम क्रेन और उपकरणों के इस्तेमाल से न सिर्फ पौधे उखड़ गए थे, बल्कि मिट्टी असमान होकर पूरे उद्यान को कीचड़ में बदल दिया गया। महीनों तक जगह बदहाल रही, पर NRDA ने उसे व्यवस्थित करने की कोई ठोस कोशिश नहीं की।

हर बार दोहराई जाने वाली समस्याएं –

वर्षों से लगे पौधों को उखाड़कर बर्बाद करना

मिट्टी असमान होकर परिसर का कीचड़ में तब्दील होना

आयोजन के बाद उद्यान की सुध न लेना

 

जनता की मांग और सुझाव

कार्यक्रम के दौरान पौधों को उखाड़ने और मिट्टी खोदने पर रोक लगे

यदि आयोजन अनिवार्य है तो वैकल्पिक स्थल का चयन किया जाए

NRDA की जिम्मेदारी तय हो कि कार्यक्रम के बाद उद्यान पूर्व स्थिति में लौटे

एक स्वतंत्र निगरानी समिति गठित हो, जो कार्यक्रम से पहले और बाद उद्यान की स्थिति का आकलन करे और NRDA को जवाबदेह ठहराए

स्पष्ट है कि NRDA के ऐसे आयोजन हर साल पर्यावरण और जनता, दोनों के साथ खिलवाड़ साबित हो रहे हैं। पौधों का नष्ट होना और उद्यान की खूबसूरती बिगाड़ना न केवल गैर-जिम्मेदाराना रवैया है, बल्कि नागरिकों की भावनाओं पर भी चोट है। अब वक्त आ गया है कि NRDA अपनी गलती दोहराने से बचे और राजधानी की पहचान बने इस हरे-भरे परिसर को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए।

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