
प्रदेश में धान खरीदी की नई नीति तैयार, इस बार किसानों को डिजिटल टोकन और मिलर्स को मिलेगा अतिरिक्त समय…
छत्तीसगढ़। सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए नई धान खरीदी और कस्टम मिलिंग नीति तैयार कर ली है। यह नीति जल्द ही राज्य की कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश की जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
1 नवंबर से होगी धान खरीदी की शुरुआत
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर 2025 से आरंभ होने की संभावना है। सरकार इस बार व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और आसान बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
किसानों को ऑनलाइन मिलेगा धान बिक्री टोकन
अब किसानों को टोकन लेने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। सरकार की ओर से विकसित “तुहर ऐप” के जरिए किसान ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर सकेंगे। टोकन के आधार पर तय तिथि पर किसान आसानी से धान बिक्री केंद्र में धान बेच सकेंगे।
छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगी प्राथमिकता
जिन किसानों के पास 2 से 10 एकड़ तक की जमीन है, उन्हें धान बेचने का पहला अवसर मिलेगा। यह कदम छोटे किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया है।
मिलिंग करने वाले मिलरों को 15 दिन की राहत
अब मिलर्स को डिलीवरी ऑर्डर (DO) मिलने के बाद धान उठाने के लिए 15 दिन का समय मिलेगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक क्विंटल धान की मिलिंग पर 80 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
सोसाइटियों को बोनस मिलेगा, शर्त रहेगी लागू
जिन सहकारी सोसाइटियों में खरीदे गए धान में सूखत (नमी की कमी) बिल्कुल नहीं होगी, उन्हें 5 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा। पिछले साल यह बोनस रोका गया था, लेकिन इस बार इसे दोबारा लागू किया जा रहा है।
इस बार नहीं बढ़ेंगे उपार्जन केंद्र
राज्य सरकार ने पहले उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि नई केंद्रों की स्थापना फिलहाल नहीं होगी। इससे दूर-दराज़ के किसानों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
वनाधिकार पट्टा धारकों की फसलों का होगा पूरा सत्यापन
राज्य के जिन किसानों के पास वनाधिकार पट्टा है, उनकी फसलों का 100% सत्यापन खाद्य विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके लिए PV ऐप का उपयोग किया जा रहा है और कई जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।