
18 महीने बाद डबल मर्डर का खुलासा: सगाई के बाद राज खुलने के डर से दादी-पोती को उतारा मौत के घाट….
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गनियारी गांव में हुई दादी-पोती की डबल मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश 18 महीने बाद हो गया है। दुर्ग आईजी रामगोपाल गर्ग ने शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गांव के ही युवक चुमेंद्र निषाद ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी को डर था कि उसकी सगाई के बाद अवैध संबंधों का खुलासा हो जाएगा। पुलिस ने मुख्य आरोपी चुमेंद्र और उसके साथी पंकज निषाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपी अब भी फरार है।
ग्राम गनियारी में 6 मार्च 2024 की रात वृद्धा और उसकी पोती की हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। दोनों के शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान थे। सूचना मिलते ही एफएसएल, फिंगरप्रिंट, डॉग स्क्वॉड और वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने घटना की गंभीरता देखते हुए विशेष जांच टीम गठित की थी।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी चुमेंद्र निषाद का मृतका पोती से प्रेम संबंध था। घटना से कुछ दिन पहले दादी ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था और युवक को जमकर फटकार लगाई थी। इस बात से नाराज चुमेंद्र ने 19 फरवरी 2024 को अपनी सगाई के बाद यह सोचकर हत्या की साजिश रची कि कहीं उसके अवैध संबंधों का खुलासा न हो जाए।
घटना की रात आरोपी ने अपने दोस्तों को व्हाट्सएप कॉल कर गांव बुलाया। स्कॉर्पियो (CG 06 E 6666) से पहुंचे साथियों के साथ उसने बालिका को झांसे में लेकर घर से बाहर बुलाया और “शादी कर भाग चलने” का बहाना किया। बालिका ने मना किया तो आरोपी ने टंगिया से उसके सिर पर कई वार किए। चिल्लाने पर मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया। दादी बचाने आई तो उसकी गर्दन पर चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक आरोपी को यह शक था कि मृतका तीन माह की गर्भवती है। इसी वजह से वह उसे जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था। हत्या के बाद आरोपी ने हथियार तालाब में धोए और साथियों को बताया – “काम हो गया है।”
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी चुमेंद्र निषाद और उसके साथी पंकज निषाद अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। दोनों के खिलाफ पुलगांव थाने में कई आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उनकी निशानदेही पर चाकू, मोबाइल और स्कॉर्पियो वाहन जब्त किए गए हैं।
आरोपी की गिरफ्तारी में देरी पर परिजनों ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी। पुलिस ने 18 महीनों तक लगातार जांच जारी रखी, 62 संदेहियों से पूछताछ की और 4 लोगों का पॉलीग्राफिक टेस्ट कराया गया। अंततः चुमेंद्र निषाद ने कड़ी पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि यह मामला बेहद पेचीदा था, लेकिन टीम की सूझबूझ और धैर्य से आखिरकार सच्चाई सामने आई। इस केस को सुलझाने में एसएसपी दुर्ग, थाना पुलगांव पुलिस और एसीसीयू टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।