छत्तीसगढ़दंतेवाड़ा

संघ की शताब्दी बेला पर सनातन संस्कृति, संगठन की शक्ति और मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा का लौहनगरी में हुआ विराट दर्शन

हेमन्त कुमार साहू,

संघ की शताब्दी बेला पर सनातन संस्कृति, संगठन की शक्ति और मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा का लौहनगरी में हुआ विराट दर्शन

किरंदुल/ दंतेवाड़ा। क्षेत्र की आराध्या माँ दंतेश्वरी के आशीष से अपने उच्च गुणवत्तायुक्त लौह अयस्क के लिए विश्व विख्यात लौहनगरी किरंदुल की पावन धरा पर संघ की स्थापना की शताब्दी वर्षगांठ के सुअवसर पर आयोजित विजयादशमी उत्सव में ज़ब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुशासन, मर्यादा और राष्ट्रभाव से ओत-प्रोत स्वयंसेवक नगर के मुख्य मार्गो से गुजर रहे थे, तब वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा, अनुपम उल्लास की दिव्य अनुभूति हो रही थी। नगरपरिवार के गणमान्य एवं मातृशक्तियों द्वारा जगह-जगह पर की गई पुष्पवर्षा ने इस ऐतिहासिक अवसर को और भी गरिमामयी बना दिया, जिसकी अमिट छाप पीढ़ियों तक परिलक्षित होगी। यह वह अनुपम क्षण था ज़ब हृदय अनंत गहराईयों तक अभिभूत हो उठा, मानो समस्त नगर एकता, समर्पण और राष्ट्रप्रेम के अद्भुत सूत्र में पिरो लिया गया हो।

संघ की शताब्दी वर्षगांठ के सुअवसर पर आयोजित स्वयंसेवकों के पथ संचलन का शुभारम्भ बंगाली कैम्प के दुर्गा मंडप से किया गया। नगर के विविध मार्गो से होते हुए इसका समापन श्री राघव मंदिर बैलाडीला देवस्थान परिसर में हुआ। दक्षिण बस्तर विभाग कार्यवाह महेन्द्र नायक मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि की आसन्दी पर वरिष्ठ समाजसेवी तुलसी राम नेताम, नगर संघ चालक रामकृष्ण बैरागी थे। संघ के नगर कार्यवाह द्वारा जानकारी दी गई की कार्यक्रम की सफलता में समस्त स्वयंसेवकों, नगरपरिवार, मातृशक्तियों का अतुलनीय योगदान रहा।

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