छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़ में बदली जाएगी परीक्षा प्रणाली, 20+20+60 प्रतिशत के फार्मेट में तैयार होगा छात्रों का रिजल्ट, देखें आदेश…

छत्तीसगढ़ में बदली जाएगी परीक्षा प्रणाली, 20+20+60 प्रतिशत के फार्मेट में तैयार होगा छात्रों का रिजल्ट, देखें आदेश…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य की परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। अब प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी स्तर तक के विद्यार्थियों का रिजल्ट नये पैटर्न पर तैयार किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाना और पूरे सत्र में विद्यार्थियों के सतत मूल्यांकन (Continuous Evaluation) को बढ़ावा देना है।

शासन द्वारा जारी ताज़ा आदेश के मुताबिक, अब त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं के अंकों को एकीकृत रूप में जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार किया जाएगा। इसका सीधा अर्थ यह है कि अब केवल वार्षिक परीक्षा में प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि पूरे सत्र में विद्यार्थियों की मेहनत और निरंतर प्रगति भी उनके परिणाम में झलकेगी।

नए मूल्यांकन सिस्टम का उद्देश्य

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस नई प्रणाली का मकसद केवल परीक्षा के तरीके को बदलना नहीं, बल्कि पढ़ाई की गुणवत्ता और निरंतर सीखने की प्रक्रिया को मजबूत करना है।पहले जहां छात्र वार्षिक परीक्षा पर निर्भर रहते थे, वहीं अब सत्र के हर चरण में अच्छे अंक लाने की आवश्यकता होगी।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार —

“नई परीक्षा प्रणाली विद्यार्थियों को पूरे सत्र में नियमित रूप से अध्ययन के लिए प्रेरित करेगी। यह बदलाव बच्चों के संपूर्ण मूल्यांकन की दिशा में एक बड़ा कदम है।”


कक्षा-वार नया मूल्यांकन फार्मूला

शासन पत्र के अनुसार परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलाव इस प्रकार होंगे —

कक्षा 1 से 4 और 6 से 7 तक

  • त्रैमासिक परीक्षा में प्राप्त अंकों का 20%

  • अर्धवार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों का 20%

  • वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों का 60%
    इन तीनों को जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार किया जाएगा।

कक्षा 5वीं और 8वीं

  • अर्धवार्षिक परीक्षा के अंकों का 30%

  • वार्षिक परीक्षा के अंकों का 70%
     दोनों का सम्मिलित औसत लेकर रिजल्ट जारी होगा।

कक्षा 9वीं और 11वीं

  • अर्धवार्षिक परीक्षा का 30% भारांक

  • वार्षिक परीक्षा का 70% भारांक
     माध्यमिक शिक्षा मंडल को इस परिवर्तन पर अमल के लिए अलग से प्रस्ताव भेजा जाएगा।

स्कूलों में नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश

शिक्षा विभाग ने सभी प्राचार्यों और प्रधानपाठकों को निर्देशित किया है कि वे नई मूल्यांकन प्रणाली की जानकारी छात्रों और अभिभावकों तक पहुंचाएं।साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि परीक्षा आयोजन, मूल्यांकन और अंक प्रविष्टि नई नीति के अनुसार ही की जाए।विभाग ने चेतावनी दी है कि किसी भी स्तर पर पुरानी प्रणाली अपनाने पर जवाबदेही तय की जाएगी।

गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम

शासन ने साफ किया है कि इस बदलाव से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर निरंतर निगरानी रखी जा सकेगी। इससे न केवल स्कूलों में शिक्षण स्तर का मूल्यांकन आसान होगा, बल्कि कमजोर छात्रों की पहचान कर उन्हें समय रहते अतिरिक्त सहायता दी जा सकेगी।शिक्षाविदों का मानना है कि यह मॉडल छात्रों को “एग्जाम डे प्रेशर” से राहत देगा और सालभर के प्रदर्शन को अधिक महत्व देगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button