ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सम्मान चिन्ह किया प्रदान

ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सम्मान चिन्ह किया प्रदान
नई दिल्ली। भारत के गोल्डन बॉय नाम से मशहूर जेवलिन थ्रो स्टार नीरज चोपड़ा को एक बड़ा सम्मान मिला है. देश का नाम रोशन करने के लिए उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने दिल्ली में नीरज को सितारे लगाकर शुभकामनाएं दीं. इससे पहले वह सूबेदार मेजर थे. टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल और पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा पिछले 9 साल से भारतीय सेना से जुड़े हैं.
नीरज चोपड़ा बने लेफ्टिनेंट कर्नल
नीरज चोपड़ा को खेल उपलब्धियों के लिए भारतीय सेना ने 14 मई 2025 को टेरिटोरियल आर्मी में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी थी, जो 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी हुई. 2016 से भारतीय सेना में शामिल रहे नीरज ने इसी साल मई के महीने में ही सूबेदार मेजर के पद से इस्तीफा दिया था. दरअसल, राष्ट्रपति की ओर से मई में नीरज को लेफ्टिनेंट कर्नल की ऑनररी रैंक देने की नोटिफिकेशन जारी की गई थी, और सेना में नियम हैं कि एक साथ दो अलग-अलग पद नहीं रहा जा सकता. अब उन्हें नया पद मिल गया है. बता दें, भारत के दिग्गज क्रिकेटर भी टेरिटोरियल आर्मी में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल हैं.
बता दें, नीरज ने 26 अगस्त 2016 को नायब सूबेदार के रूप में सेना जॉइन की थी. इसके बाद उन्हें दमदार खेल के चलते साल 2021 में सूबेदार बनाया गया था. वहीं, 2022 में वह सूबेदार मेजर बने थे. दिल्ली में इस खास मौके पर समारोह में उनके पिता सतीश चोपड़ा, मां सरोज देवी, पत्नी हिमानी और चाचा भीम चोपड़ा मौजूद रहे और उनके परिवार में उत्साह का माहौल दिखा. इसके अलावा एथलेटिक्स में प्रदर्शन के लिए नीरज चोपड़ा को अर्जुन पुरस्कार और खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में किया निराश
नीरज चोपड़ा पिछले महीने ही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खेलते हुए नजर आए थे. लेकिन इस टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. वह जेवलिन थ्रो के फाइनल में सिर्फ 84.03 मीटर दूरी ही तय कर पाए. नीरज टॉप 6 में भी जगह नहीं बना पाए और इस तरह वह वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपना खिताब बचाने में नाकाम रहे.