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CG NEWS: जेल कैंपस में मोबाइल पर बात करता दिखा जिलाबदर अपराधी, पुलिस संरक्षण के आरोपों से खड़ा हुआ विवाद..

CG NEWS: जेल कैंपस में मोबाइल पर बात करता दिखा जिलाबदर अपराधी, पुलिस संरक्षण के आरोपों से खड़ा हुआ विवाद..

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। केंद्रीय जेल के कैंपस से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें जिलाबदर अपराधी अंश पंडित मोबाइल फोन पर बात करता दिखाई दे रहा है। हैरानी की बात यह है कि यह वीडियो तब का है जब पुलिस खुद आरोपी को जेल दाखिल करने आई थी। जेल कैंपस के अंदर मुख्य गेट के पास आरोपी को मोबाइल पर बात करते देख लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

इस वीडियो में आरोपी अंश पंडित, जो एक जिलाबदर अपराधी बताया जा रहा है, पुलिस की मौजूदगी में जेल कैंपस में मोबाइल फोन से बातचीत करता दिख रहा है। वह बड़ी सहजता से जेल के मुख्य द्वार के पास जमीन पर बैठकर फोन पर बात करता नजर आ रहा है।

बताया गया है कि अंश पंडित को कोतवाली पुलिस मारपीट के एक मामले में जेल दाखिल करने पहुंची थी। आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक एएसआई के घर में घुसकर हमला किया था। इस गंभीर घटना के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजने की कार्रवाई की।लेकिन जेल परिसर से सामने आई यह तस्वीर पुलिस और जेल प्रशासन दोनों के लिए असहज स्थिति पैदा कर रही है।

कानून व्यवस्था पर उठे सवाल:
जेल के अंदर आरोपी के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे मामले पर सवालों की बौछार शुरू हो गई है। सुरक्षा मानकों के तहत जेल में मोबाइल फोन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं, फिर भी आरोपी के पास मोबाइल कैसे पहुंचा — यह बड़ा सवाल है।

लोगों का कहना है कि अगर एक जिलाबदर अपराधी इस तरह जेल कैंपस में मोबाइल फोन से बातचीत कर सकता है, तो यह न सिर्फ जेल सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी दिखाता है बल्कि पुलिस पर संरक्षण देने के आरोपों को भी बल देता है।

स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज है कि आरोपी को कथित रूप से पुलिस की “नरमी” का फायदा मिल रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद आम जनता में यह नाराजगी देखी जा रही है कि अगर अपराधियों को जेल में भी ऐसी छूट मिलेगी, तो आम लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी।

फिलहाल जिला प्रशासन और जेल विभाग ने इस मामले में जांच की बात कही है। जेल सूत्रों के अनुसार, पूरे प्रकरण की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। यह पता लगाया जा रहा है कि मोबाइल आरोपी के पास कहां से आया और जेल गेट तक कैसे पहुंचा।

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