
छत्तीसगढ़ में बड़ा DMF घोटाला मामले में ACB–EOW की 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी, मचा हड़कंप…
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की संयुक्त टीमों ने बुधवार सुबह डीएमएफ (जिला खनिज निधि) से जुड़े कथित घोटाले के मामले में राज्य के चार जिलों में 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है।
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और धमतरी (कुरूद) जिलों में की जा रही है। रायपुर में 5, दुर्ग में 2, राजनांदगांव में 4 और कुरूद में 1 ठिकाने पर छापे डाले गए हैं। कार्रवाई बुधवार सुबह से ही शुरू हुई, जिससे संबंधित क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है।
ठेकेदारों और व्यापारियों के ठिकानों पर छापे
एसीबी–ईओडब्ल्यू की टीम जिन लोगों के ठिकानों पर पहुंची है, वे अधिकतर ठेकेदार और व्यापारी हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने डीएमएफ फंड के माध्यम से किए गए विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितताएं की हैं। लंबे समय से इन परियोजनाओं में गंभीर गड़बड़ियों और फर्जी बिलिंग की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके आधार पर आज यह संयुक्त छापामार कार्रवाई की गई है।
दस्तावेज जब्त और पूछताछ जारी
टीमों ने संबंधित ठिकानों पर पहुंचकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कुछ जगहों पर डिजिटल डाटा, फाइलें और ठेके से संबंधित रसीदें भी जब्त की गई हैं। अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल छापेमारी जारी है और पूरे दिनभर जांच की कार्रवाई चलने की संभावना है।
बड़े खुलासों की संभावना
अब तक की जांच में क्या बरामद हुआ है, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई में कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह घोटाला करोड़ों रुपये के दुरुपयोग से जुड़ा हो सकता है।
क्या है DMF फंड?
डीएमएफ यानी District Mineral Foundation Fund खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत बनाया गया है। इसका उद्देश्य खनन से प्रभावित ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुधारना है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस फंड के दुरुपयोग और फर्जी खर्च दिखाने के आरोप बार-बार सामने आते रहे हैं।



