छत्तीसगढ़बिलासपुर

CG News: कॉलेज छात्र का हादसा, आत्महत्या या फिर साजिश ? पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को उलझाया, अब डायटम टेस्ट से होगा फैसला…

CG News: कॉलेज छात्र का हादसा, आत्महत्या या फिर साजिश ? पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को उलझाया, अब डायटम टेस्ट से होगा फैसला…

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) कैंपस में मिले एक युवक के शव ने पूरे विश्वविद्यालय परिसर में सनसनी मचा दी है। मामला बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अर्सलन अंसारी की संदिग्ध मौत से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। छात्र 21 अक्टूबर से लापता था, और यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसकी जानकारी समय पर न दिए जाने पर भी छात्रों ने सवाल उठाए हैं। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई चोट की पुष्टि के बाद मौत का मामला और उलझ गया है।

पुलिस के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में यूटीडी (UTD) के पास स्थित तालाब में एक युवक का शव मिला था। शव की तुड़फुड़न हालत और चेहरे के पहचान योग्य न होने के कारण उसकी तत्काल पहचान नहीं हो पाई। पुलिस ने शव को सिम्स की मरच्यूरी में सुरक्षित रखवा दिया था। बाद में हॉस्टल के छात्रों ने पुरानी तस्वीरों और मृतक के टी-शर्ट के आधार पर अंदाजा लगाया कि शव अर्सलन अंसारी का हो सकता है, जो 21 अक्टूबर से हॉस्टल से गायब था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई। रिपोर्ट में मृतक के सिर में गंभीर अंदरूनी चोट (Internal Head Injury) होने की पुष्टि हुई है। पुलिस अब जांच कर रही है कि यह चोट किसी गिरने की वजह से हुई, किसी गहरे हादसे का परिणाम थी या फिर किसी आपराधिक वारदात का हिस्सा।

फॉरेंसिक और डायटम टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार

शव की मौत पानी में डूबने से हुई या मृतक को पानी में फेंका गया—इस पर फैसला डायटम टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। इस टेस्ट से यह स्पष्ट होगा कि मृतक ने पानी के अंदर सांस ली थी या नहीं। एसएसपी बिलासपुर रजनेश सिंह ने कहा कि मामले के हर पहलू की जांच की जा रही है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

शुक्रवार रात यूनिवर्सिटी अधिकारियों द्वारा हॉस्टल का सीसीटीवी फुटेज और रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि छात्र पिछले 10 दिनों से हॉस्टल में उपस्थित नहीं था। यह भी सामने आया कि हॉस्टल प्रशासन ने लापता छात्र की सूचना समय पर न तो पुलिस को दी और न ही विश्वविद्यालय प्रबंधन को औपचारिक रूप से भेजा। छात्रों का आरोप है कि यदि समय पर खोजबीन की जाती, तो शायद छात्र की जान बच सकती थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button