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कथावाचक आशुतोष चैतन्य गिरफ्तार, सतनामी समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में एक्शन , दो दिन की रिमांड पर भेजा गया

कथावाचक आशुतोष चैतन्य गिरफ्तार, सतनामी समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में एक्शन , दो दिन की रिमांड पर भेजा गया

बिलासपुर। तखतपुर क्षेत्र में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान एक विवादास्पद टिप्पणी ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक आशुतोष चैतन्य को सतनामी समाज के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी उस समय हुई जब समुदाय के बड़े नेताओं और समाज प्रमुखों ने कथन को लेकर गंभीर आपत्ति जताते हुए पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।

जानकारी के मुताबिक, तखतपुर क्षेत्र के पड़रिया रोड में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा था, जहां कथावाचक आशुतोष चैतन्य ने अपने प्रवचन के दौरान समाज विशेष पर टिप्पणी की। उनका यह कथन जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, सतनामी समाज में भारी आक्रोश फैल गया। समाज के लोगों का कहना है कि सार्वजनिक व्यासपीठ से इस तरह की टिप्पणियाँ धार्मिक सौहार्द को चोट पहुँचाती हैं और समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा सकती हैं।

दो दिन की रिमांड पर भेजा गया

घटना के बाद 12 नवंबर को सैकड़ों की संख्या में बदाखोल, तखतपुर और आसपास के गांवों से समाजजन तखतपुर थाना पहुंच गए। भीड़ ने थाने का घेराव कर कथावाचक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। समाज प्रमुखों ने कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है।

बढ़ते दबाव और मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज की और कथावाचक आशुतोष चैतन्य को कथा स्थल से ही हिरासत में ले लिया। उन्हें बिलासपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने दो दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और वायरल वीडियो की तकनीकी जांच भी जारी है।

क्या कहा था कथावाचक ने?

आशुतोष चैतन्य का कथन था—छत्तीसगढ़ के तखतपुर में कितनी गायें कट रही हैं, आपको पता है? जो पहले सनातनी थे, वो आज सतनामी हो गए। उन मूर्खों को यह समझ नहीं आता कि सतनामी का मतलब क्या होता है। ये गायों को काट रहे हैं।”उनका यह बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला और देखते ही देखते समुदाय के बीच नाराजगी की लहर दौड़ गई। कथावाचक ने बाद में अपने बयान को ‘गलती’ बताते हुए सार्वजनिक रूप से क्षमा भी मांगी, लेकिन तब तक विरोध गहराता जा चुका था।

समाज में उबाल, पुलिस सतर्क

विरोध प्रदर्शन के दौरान समाजजन तखतपुर थाना परिसर में इकठ्ठा होकर नारेबाजी करते रहे। लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया और अतिरिक्त बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि कानून अपना काम कर रहा है।सतनामी समाज के नेताओं का कहना है कि इस प्रकार की टिप्पणियाँ न केवल समाज के लिए अपमानजनक हैं, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी नुकसान पहुँचाती हैं। इसी वजह से वे कथावाचक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।

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