
आरंग में विज्ञान शिक्षकों की मासिक कार्यशाला संपन्न: प्रयोगात्मक अवधारणाओं और वैज्ञानिक सोच पर जोर
आरंग। विकासखंड शिक्षा अधिकारी दिनेश शर्मा एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक मातली नंदन वर्मा के दिशा-निर्देशन में आज आरंग बीआरसीसी शैक्षिक हॉल में पूर्व माध्यमिक स्तर के विज्ञान शिक्षकों की एक महत्वपूर्ण मासिक कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य विज्ञान शिक्षण को केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि अधिक प्रभावी, रोचक और प्रयोगात्मक बनाना था, ताकि छात्र-छात्राओं की वैज्ञानिक समझ को गहरा किया जा सके।
कार्यशाला में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की साक्षी परिहार और संकुल समन्वयक गण ने मुख्य रूप से शिक्षकों के साथ संवाद किया। चर्चा का केंद्र बिंदु विज्ञान विषय को रोचकता से पढ़ाने के नवीन तरीके, विषय की प्रयोगात्मक अवधारणा, सटीक अवलोकन, परीक्षण और बच्चों में निहित खोजी प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना रहा। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान केवल एक विषय नहीं, बल्कि एक सोचने का तरीका है, जिसे दैनिक जीवन के उदाहरणों से जोड़ा जाना चाहिए।
शिक्षक समूह कार्य (Group Work) के माध्यम से अपने शिक्षण अनुभव साझा किए, जिससे सहकर्मी शिक्षण को बढ़ावा मिला। उन्होंने मिलकर पुरानी और नई पाठ्यपुस्तकों के बीच के अंतरों का विश्लेषण किया और सामग्री को पढ़ाने के लिए सबसे उपयुक्त तरीकों पर चर्चा की। गहन विचार-विमर्श के पश्चात निष्कर्ष परिणाम निकाले गए तथा विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच और तर्कशक्ति को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत और ठोस कार्ययोजना तैयार की गई। इस सफल आयोजन से क्षेत्र में विज्ञान शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार आने की आशा है तथा इस अवसर पर संकुल समन्वयक हरीश दीवान, जीतेंद्र शुक्ला,शिक्षक गण भावना वैष्णव, चित्रा देवांगन,कल्याणी देवांगन,बसंती सोनकर,घनश्याम साहू,चारूलता साहू,चंद्रकांता चंद्राकर,सविता चंद्राकर,हेमा बंजारे,शशिकला ढीढी,ममता तांडव, डीलेश्वर साहू, भीखमा साहू,जसप्रीत कौर,संजय चंद्राकर,परमानंद जलक्षत्रि,नरोत्तम ध्रुव,कुशल ध्रुव,अर्चना भगत,ममता डडसेना आदि की सहभागिता रही।



