
रायपुरः छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाज सुधारक और सतनामी संप्रदाय के संस्थापक गुरु घासीदास जी की जयंती हर साल 18 दिसंबर को मनाई जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिन को शुष्क दिवस घोषित किया है। राज्य आबकारी विभाग से मिले निर्देशों के बाद अब जिलों में इसे लेकर कलेक्टरों की ओर से आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस दिन समस्त देशी, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकाने, एफ.एल.4 (क) व्यवसायिक क्लब एवं एफ.एल.7, सैनिक कैन्टीन बंद रहेंगे।
कांकेर कलेक्टर ने जारी किया ये आदेश
कांकेर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर द्वारा गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर आगामी 18 दिसम्बर 2025 को शुष्क दिवस घोषित किया गया है। इस दिन जिले की समस्त देशी, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों, एफ.एल.4 (क) व्यवसायिक क्लब एवं एफ.एल.7, सैनिक कैन्टीन को पूर्णतः बंद रखे जाने आदेशित किया गया है। कलेक्टर द्वारा शुष्क दिवस को जिले में अवैध मदिरा संग्रहण, विनिर्माण, परिवहन व विक्रय पर पूर्णतः नियंत्रण रखने के लिए जिला आबकारी अधिकारी को आदेशित किया गया है।
कौन थे गुरु घासीदास
बता दें कि संत गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 को छत्तीसगढ़ के तत्कालिन रायपुर जिले में गिरौदपुरी में एक गरीब साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम महंगू दास और माता अमरौतिन थीं। तथा घासीदास जी की धर्मपत्नी का सफुरा था। उनके जीवन से कई चमत्कारिक घटनाएं जुड़ी हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे बिना किसी सहारे के हवा में वस्त्र टांग कर सुखा देते थे और पानी पर चल लेते थे। उनका ‘मनखे मनखे एक समान’ एक संदेश प्रसिद्ध है तथा मानवता को लेकर महान विचारों से समाज में समरसता और समानता की अलख जगाने का श्रेय भी गुरु घासीदास जी को दिया जाता है।



