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पेंशन निवेश नियमों में बड़ा बदलाव, PFRDA ने जारी की नई गाइडलाइंस

न्यू दिल्ली , देश के पेंशन रेगुलेटर PFRDA ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन स्कीमों के निवेश नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. नए नियम लागू हो चुके हैं और पहले जारी सभी गाइडलाइंस को एक ही मास्टर सर्कुलर में जोड़कर सरल बना दिया गया है. इसका मकसद कर्मचारियों की रिटायरमेंट सेविंग्स को ज्यादा सुरक्षित और निवेश प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाना है.

नए नियम क्यों लाए गए?

सरकार और राज्य सरकार के करोड़ों कर्मचारी NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम में शामिल हैं, जबकि आम नागरिक अटल पेंशन योजना (APY) के तहत निवेश करते हैं. PFRDA का कहना है कि नई गाइडलाइंस से यह साफ हो जाएगा कि पेंशन फंड्स लोगों की मेहनत की कमाई कहां और कितनी मात्रा में लगा सकते हैं. इससे निवेश का जोखिम कम होगा और रिटर्न अधिक स्थिर हो सकेगा.

सरकारी बॉन्ड में सबसे ज्यादा निवेश

नए नियमों के तहत पेंशन फंड्स को अपनी बड़ी हिस्सेदारी सुरक्षित निवेश विकल्पों में रखनी होगी. अब पेंशन फंड्स 65% तक पैसा सरकारी सिक्योरिटीज में लगा सकते हैं. सरकारी बॉन्ड सबसे सुरक्षित माने जाते हैं, इसलिए रिटायरमेंट सेविंग्स की सुरक्षा के लिए यह बड़ा कदम है

इसके अलावा, कॉरपोरेट बॉन्ड और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिकतम 45% तक निवेश की अनुमति दी गई है. हालांकि, इसके लिए PFRDA ने मिनिमम रेटिंग से जुड़े कड़े नियम तय किए हैं, ताकि कोई फंड ज्यादा जोखिम वाले बॉन्ड में पैसा न लगाए.

इक्विटी में निवेश की नई सीमा

PFRDA ने इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 25% तय की है. फंड्स IPO, FPO, OFS और इंडेक्स आधारित निवेश के जरिए शेयर खरीद सकेंगे. शेयर मार्केट को आमतौर पर ज्यादा उतारचढ़ाव वाला माना जाता है, इसलिए सीमा तय करने से जोखिम नियंत्रित रहेगा.

अन्य निवेशों पर भी तय लिमिट

मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में 10%, जबकि REITs, InvITs और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स जैसे विकल्पों में 5% तक निवेश की छूट होगी. इन विकल्पों पर सीमा इसलिए रखी गई है ताकि फंड्स हाई-रिस्क कैटेगरी में जरूरत से ज्यादा पैसा न डालें.

पोर्टफोलियो मॉनिटरिंग और रिस्क मैनेजमेंट

नई गाइडलाइंस में एक बड़ा बदलाव यह है कि फंड्स को अपने निवेश पोर्टफोलियो की लगातार निगरानी करनी होगी. अगर इंडेक्स में बदलाव हो या किसी निवेश की गुणवत्ता गिर जाए, तो फंड्स को पोर्टफोलियो दोबारा बैलेंस करना होगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सब्सक्राइबर्स की कमाई हमेशा सुरक्षित विकल्पों में बनी रहे और जोखिम सीमित रहे.

नए नियमों से क्या फायदा होगा?

PFRDA का कहना है कि यह पूरा फ्रेमवर्क सरकारी कर्मचारियों और APY के लाभार्थियों की लंबी अवधि की बचत को ज्यादा सुरक्षित, स्थिर और पारदर्शी बनाएगा. सरल भाषा में कहें तो अब आपका पेंशन पैसा ज्यादा नियंत्रण, सुरक्षा और स्पष्टता के साथ निवेश होगा.

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