
सक्ती। केरल के पल्लकड़ जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के रहने वाले एक मजदूर की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दी। मृतक की पहचान रामनारायण बघेल के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने उसे बिना किसी ठोस पुष्टि के बांग्लादेशी नागरिक समझ लिया और शक के आधार पर उस पर हमला कर दिया। इस अमानवीय घटना ने न केवल केरल बल्कि छत्तीसगढ़ में भी गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामनारायण बघेल रोज़गार की तलाश में केरल के पल्लकड़ पहुंचा था। घटना वाले दिन वह काम की खोज में इधर-उधर घूम रहा था। इसी दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने उसे घेर लिया और उसकी पहचान को लेकर सवाल-जवाब करने लगे। बातचीत के दौरान ही उसे बांग्लादेशी बताकर मारपीट शुरू कर दी गई। देखते ही देखते भीड़ हिंसक हो गई और आरोपियों ने युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मृतक के शरीर पर 80 से अधिक गंभीर चोटों के निशान थे। चोटों की संख्या और प्रकृति से साफ जाहिर होता है कि उसे लंबे समय तक और बेहद निर्ममता से पीटा गया। घटना की सूचना मिलने पर केरल पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम मुरली, प्रसाद, अनु, विपिन और आनंदम बताए गए हैं। सभी आरोपी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इस संबंध में वालैयार थाना में केस नंबर 975/2025 दर्ज किया गया है और आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
घटना की खबर जैसे ही छत्तीसगढ़ में मृतक के परिजनों को मिली, पूरे परिवार में कोहराम मच गया। रामनारायण अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। उसके पीछे पत्नी और दो मासूम बच्चे हैं, जिनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। बताया जा रहा है कि मृतक की पत्नी और परिजन आज केरल पहुंचेंगे, ताकि आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सके। इस जघन्य हत्या के विरोध में केरल में सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा व न्याय दिलाने की मांग की। उनका कहना है कि पहचान के नाम पर की जा रही इस तरह की हिंसा समाज के लिए बेहद खतरनाक है।
मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात की गई है और छत्तीसगढ़ सरकार हर स्तर पर पीड़ित परिवार को मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।



