बांग्लादेश में नहीं थम रही राजनीतिक हिंसा, एक और युवा नेता को मारी गई गोली, हालत नाजुक

ढाका। बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटना खुलना शहर से सामने आई है, जहां नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के केंद्रीय श्रमिक संगठन के नेता मोहम्मद मोतालेब सिकदर को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना ने देश में पहले से जारी अस्थिरता और सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पहले ही भारी दबाव में है। हाल ही में युवा नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं तेज हो गई थीं। कट्टरपंथी संगठनों ने सरकार को हत्याकांड के दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया था। हालांकि, पुलिस ने स्वीकार किया है कि अब तक मुख्य संदिग्ध के ठिकाने को लेकर कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है, जिससे सरकार और कानून-व्यवस्था एजेंसियों की स्थिति कमजोर नजर आ रही है।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उस्मान हादी को सिर में गोली मार दी थी। बाद में सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस हत्या के बाद पूरे देश में हिंसक घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया, जिसने राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया।
इसी बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके शासन के बाद देश में अराजकता कई गुना बढ़ गई है। एक इंटरव्यू में शेख हसीना ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कट्टरपंथी तत्वों को सत्ता में जगह दी है, दोषी आतंकवादियों को रिहा किया है और चरमपंथी संगठनों को सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाने की छूट दी है। उनके अनुसार, हालिया गोलीबारी और हत्याएं इसी अराजकता का प्रमाण हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि मोहम्मद मोतालेब सिकदर पर हुआ यह हमला न सिर्फ अंतरिम सरकार की चुनौतियों को बढ़ाएगा, बल्कि देश में राजनीतिक हिंसा के एक नए दौर को भी जन्म दे सकता है। लगातार हो रही हिंसक घटनाएं बांग्लादेश की आंतरिक स्थिरता के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं।



