
‘ग़ालिब हमारे’ का आयोजन 27 दिसंबर को राजधानी रायपुर में…..
रायपुर। साहित्य और संस्कृति को केंद्र में लेकर चलने वाली संस्था ‘लोकमित्र’ शनिवार 27 दिसंबर को उर्दू के महान शायर मिर्जा ग़ालिब की जयंती मनाने जा रही है। ‘ग़ालिब हमारे’ नाम से यह आयोजन रायपुर के शांति नगर स्थित विमतारा भवन के कांफ्रेंस हॉल में शाम 5:00 बजे शुरू होगा। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्था की ओर से साहित्यकार आनंद बहादुर ने बताया कि मिर्जा ग़ालिब भारत की बहुलतावादी संस्कृति के एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि हैं। उनकी शायरी में भारत के जन-जीवन की आत्मा प्रतिबिंबित होती है। भारत के हर खास ओ आम के जीवन का हर पहलू ग़ालिब ने अपनी शायरी में विचार किया है। गालिब सिर्फ शायर ही नहीं, वे एक दार्शनिक हैं जिन्होंने मनुष्य, प्रकृति, आत्मा और परमात्मा के परस्पर संबंधों पर गहराई से विचार किया है। उनके विचार लोक मानस को उचित मार्ग दिखाने वाले हैं। यही वजह है कि उनके जन्म से तीन सौ से अधिक सालों बाद आज भी भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लाखों करोड़ों लोग गालिब के चाहने वाले हैं और ग़ालिब की शायरी दुनिया में सबसे ज्यादा उद्धरणीय है। वैचारिकता, रचनात्मकता तथा संगीत से भरपूर इंद्रधनुषी छटा वाले इस आयोजन में ग़ालिब के अध्येता शायर अब्दुस्सलाम कौसर, अब्दुल जावेद नदीम और आनंद बहादुर ग़ालिब की शायरी और व्यक्तित्व के पहलुओं पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इस कार्यक्रम में विदूषी साधना रहटगांवकर, गायक निवेदिता शंकर और वसु गंधर्व मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़लों का गायन करेंगे, जिनकी संगत जानेमाने तबलावादक अशोक कुर्म करेंगे, तथा छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण कवि और शायर अपनी रचनाओं का पाठ प्रस्तुत करेंगे, जिनमें प्रमुख हैं- जया जादवानी, नीलू मेघ, अब्दुस्सलाम कौसर, जावेद नदीम, जीवेश प्रभाकर, अशोक शर्मा, पीयूष कुमार, सुखनवर हुसैन, फ़ज़ले अब्बास सैफी, मीसम हैदरी, आलोक वर्मा, आर डी अहिरवार, इमरान अब्बास, सफदर अली, यूशा, रूपेंन्द राज प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम का संचालन कवि पीयूष कुमार (बाग़बाहरा) तथा शायर अशोक शर्मा (महासमुंद) करेंगे। ‘लोकमित्र’ संस्था ने रायपुर के साहित्य और संस्कृति प्रेमियों से बड़ी संख्या में इस आयोजन में शरीक होने की अपील की है। यह जानकारी मनीष साहू ने दी।



