रायपुर आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल का रुख अभी भी साफ नहीं है। विस्वाभूषण हरिचंदन ने रिर्जवेशन बिल पर कल जिस तरह से बयान दिया, उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले दिनों आरक्षण बिल का मसला अभी लंबा खिचेगा। राज्यपाल ने बिलासपुर में पत्रकारों के पूछे सवाल में कहा है कि ये एक डिस्प्यूटेड मसला है, राज्यपाल के संवैधानिक पद पर रहने की वजह से मेरा इस पर बोलना उचित नहीं होगी। इधर राज्यपाल के रुख पर कांग्रेस ने नाराजगी जतायी है।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने कहा है कि पूर्व राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने की बात कही थी। उन्होंने खुद कहा था कि विधानसभा से पारित विधेयक को कराईये, मैं तुरंत उस पर हस्ताक्षर कर दूंगी। राज्यपाल को अपनी बातों को कायम रहना चाहिये। आरक्षण की वजह से कई वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर कर तुरंत इसका लाभ संबंधित वर्गों को मिलना चाहिये।
वहीं मंत्री अमरजीत भगत ने ये कहकर चेतावनी दे दी, कि अगर आरक्षण बिल को अटकाने की कोशिश की गयी, तो लड़ाई और तेज होगी। अमरजीत भगत ने कहा कि आरक्षण बिल के मसले पर भाजपा पीछे से चाल चल रही है। आरक्षण बिल के पारित नहीं होने से कई वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। आरक्षण बिल को अटकाने की कोशिश भाजपा को भारी पड़ेगी। राज्यपाल को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिये। आरक्षित वर्गों को पूर्व की भांति इसका लाभ मिलना चाहिये।