हिंदू-मुस्लिम दो समुदाय के बीच जमकर मारपीट, जाने पूरा मामला
सुकमा
सुकमा जिले में हिंदू और मुसलमान समुदाय के बीच रामनवमी का बैनर लगाने को लेकर विवाद हो गया है। दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से करीब 3 से 4 लोग घायल हुए हैं। लाठीचार्ज का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। उधर, मंगलवार को हिंदू संगठन के लोगों ने सुकमा बंद का आह्वान किया था। जिसका व्यापक असर भी देखने को मिला। मुख्य सड़क से लेकर गली-मोहल्ले में सन्नाटा पसरा रहा। सभी दुकानें बंद रहीं। हालांकि, दिनभर तनावपूर्ण माहौल के बाद शाम को मामल शांत हो गया। दरअसल, सोमवार की रात हिंदू संगठन के कुछ युवा रामनवमी की तैयारी कर रहे थे। वे नेशनल हाईवे में बसे वार्ड क्रमांक 2 के पास कुछ बैनर लगा रहे थे
समुदाय के लोगों ने इसके लिए आपत्ति जताई। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता गया। इस मामले की जानकारी पुलिस को दो गई। मौके पर सुकमा सिटी कोतवाली के जवान पहुंचे। जिन्होंने दोनों पक्षों को समझाइश दी। फिर भी मामला शांत नहीं हुआ तो पुलिस ने कुछ युवकों पर लाठियां चलानी शुरू कर दी। शहर में किसी भी तरह से धार्मिक बवाल न हो, इसलिए पुलिस ने भीड़ को मौके से खदेड़ दिया था। दूसरे दिन यानी मंगलवार की सुबह हिंदू संगठन के लोगों ने बैठक की और सुकमा बंद का आह्वान किया। दिनभर शहर की सड़कों पर वीरानी छाई रही। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए चारों तरफ जवान तैनात रहे। हालांकि, शाम होते ही मामल शांत हुआ। इसके बाद हिंदू संगठन के लोगों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। मगर अब तक पुलिस ने किसी भी पक्ष पर केस दर्ज नहीं किया है
कलेक्टर चंदन कुमार और SP जितेन्द्र मीणा ने जिला कार्यालय के आस्था सभाकक्ष में कानून और सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए राजस्व और पुलिस के मैदानी स्तर के कर्मचारी को सूचना तंत्र के तौर पर काम किया जाना चाहिए। साथ ही सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समस्या बढ़ाने वालों का चिन्हांकन कर आवश्यक कार्रवाई करें। कलेक्टर ने कानून व्यवस्था के लिए मैदानी स्तर पर तैनात राजस्व और पुलिस के कर्मचारियों का आपसी समन्वय से कार्य करने की आवश्यकता बताई। पुलिस अधीक्षक मीणा ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अफवाह फैलाने वालों की पहचान और निगरानी रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर निगरानी रखने की जरूरत है। साथ ही शहर में निगरानी समिति को सक्रिय रखें। बैठक में आगामी त्योहार की आवश्यक तैयारी के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आयोजकों से शांति व्यवस्था के लिए आवश्यक चर्चा करें।