रायपुर। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम दीक्षांत समारोह व विश्वविद्यालय के 8वें स्थापना दिवस समारोह आज भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस गरिमामय दीक्षांत समारोह में 13 शोधार्थियों को पीएचडी और 135 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
समारोह में पर्यावरण संरक्षण व समाज कल्याण की दिशा में अद्वितीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंडवानी गायिका पद्मश्री उषा बारले को मानद उपाधि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पोटिया कला में 12 करोड़ रूपए की लागत से 40 एकड़ रकबे में निर्मित होने वाले विश्वविद्यालय के नवीन ऑडिटोरियम निर्माण एवं नरेंद्र देव वर्मा शोधपीठ की स्थापना की घोषणा की।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में शिक्षा को सबसे ताकतवर हथियार बताया। उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपस्थित शोधकर्ताओं व छात्र-छात्राओं दी जाने वाली उपाधि व स्वर्ण पदक को उनके सालों की कड़ी मेहनत का परिणाम बताया। उन्होंने इस बात की खुशी जताई की विद्यार्थी अपने जीवन के नये पड़ाव में प्रवेश कर रहे हैं।
राज्यपाल श्री बिश्वभूषण हरिचंदन
उन्होंने कहा कि भविष्य मे कई चुनौतियां आएगी, लेकिन शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं को अपने ज्ञान और कौशल से भविष्य निर्माण के नये अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा ने जो शक्ति प्रदान की है, उसे आप अपने भविष्य निर्माण और समाज के निर्माण में लगाएं। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऑडिटोरियम में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए स्वर्गीय हेमचंद यादव जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जागरूकता के लिए ज्ञान जरूरी है और यह शिक्षा से प्राप्त होता है। उन्होंने शिक्षा में नैतिक मूल्यों के समावेश पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास की अवधारणा उन्हें शिक्षा से प्राप्त हुई है। इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राज्य सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ है। इसके जरिए सभी वर्गों के लिए एक बेहतर इकोसिस्टम निर्मित हो रहा है।