रायगढ़। रायगढ़ में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है. कोर्ट ने नाबालिग को बहला फुसलाकर भगाने के आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई. जुर्माना नहीं जमा करने पर 6 महीना अतिरिक्त सजा का भी फैसला सुनाया.
बता दें कि 13 जनवरी 2022 को पीड़िता की मां ने चक्रधरनगर थाने में पहुंचकर लिखित शिकायत की थी. शिकायत में पीड़िता की मां ने बताया कि उसकी बेटी 16 वर्ष की है. 1 नवंबर 2021 को वह काम करने बाहर चली गई थी, शाम को जब घर लौटी तो देखा लड़की घर पर नहीं है. आसपास पूछताछ के बाद लड़की का पता नहीं चलने पर थाने में मौखिक शिकायत की गई. कुछ देर बाद बच्ची का पता चला और परिवार वालों को सौंपा गया.
पीड़िता की मां ने बताया कि 3 नवंबर 2021 को मोहल्ले के रहने वाले युवक ने उसकी बेटी को शादी का झांसा दिया और बहला फुसलाकर भगा ले गया. कुछ दिनों बाद आरोपी, नाबालिग को कौहाकुण्डा में अपने घर पर रखा. लड़की का पता चलने पर जब उसे लेने पहुंचे तो आरोपी ने लड़की को भेजने से मना कर दिया. पीड़ित की मां ने बाल कल्याण समिति रायगढ़ में आवेदन देकर बच्ची को छुड़ाने की अपील की. बाल कल्याण समिति ने 21 दिसंबर 2022 को नाबालिग का रेस्क्यू किया और बाल सदन में उसे रखा. 13 जनवरी 2022 को पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसे जबरदस्ती भगाकर ले गया. इस दौरान आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाया.
पीड़िता के माता पिता की शिकायत पर चक्रधर नगर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज किया. आरोपी के खिलाफ धारा 363, 366, 376. धारा 4, 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई. प्रकरण फास्ट ट्रैक कोर्ट में विचाराधीन था. जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायाधीश प्रतिभा वर्मा ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया. जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को अलग से 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश भी सुनाया. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई