न्यायधानी में खाकी पर उठने लगे सवाल,रेप पीड़िता की मां को जेल भेजने का मामला गरमाया
बिलासपुर । न्यायधानी बिलासपुर में पुलिस की कार्रवाई को लेकर महौल बिगड़ता दिख रहा हैं। दो अलग-अलग मामलों में पुलिस की अलग-अलग तर्क खाकी को कटघरे में खड़ा कर रही हैं। एक तरफ रेप पीड़िता की मां को जेल भेजने का मामला तूल पकड़ता जा रहा हैं। वही दूसरी तरफ सिविल लाइन थाना में एक पीड़ित युवती पिछले 4 दिनों से रेप की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भटक रही हैं। दोनों ही मामला राजनीति रसूख से जुड़े होने के कारण पुलिस का तर्क अलग-अलग हैं। जिसे लेकर अब लोग पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर जमकर नाराजगी जता रहे हैं।
गौरतलब हैं कि 4 मार्च को आफताब मोहम्मद नामक युवक पर एक युवती ने रेप और मारपीट का गंभीर आरोप लगाया था। पीड़िता की रिपोर्ट के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीड़ित लड़की ने आरोपी आफताब पर 4 साल से दैहिक शोषण करने का आरोप लगाया गया था। रेप पीड़िता की माने तो इस मामले में उस पर और उसकी बेवा मां पर समझौता के लिए काफी दबाव बनाया गया। लेकिन इसके बाद भी उसने एफआईआर दर्ज कराया था। इस मामले के बाद अब आरोपी युवक के रिश्तेदारों द्वारा रेप पीड़िता की बेवा मां पर 10 साल के बच्चे के प्राइवेट पार्ट के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाया गया। रायपुर से बिलासपुर आये इस बच्चे के परिजनों की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने रेप पीड़िता की मां के खिलाफ अपराध दर्ज कर पिछले दिनों उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब रेप पीड़िता युवती ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं। पीड़िता का आरोप हैं कि उसने समझौता नही किया, इसलिए आरोपी पक्ष के घरवालों ने उसकी मां को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेज दिया हैं। इस मामले में रतनपुर थाना प्रभारी की भी भूमिका संदिग्ध हैं। उधर मामला सामने आने के बाद आज रेप पीड़िता के समर्थन में विश्व हिन्दु परिषद के लोगों ने सैकड़ो समर्थको के साथ रतनपुर थाना का घेराव कर दिया गया। आंदोलन कर रहे लोगों द्वारा रतनपुर थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह को हटाने के साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गयी। इस मामले में जहां पुलिस ने दलील दी हैं कि पीड़ित बच्चें के बयान के आधार पर महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजा गया हैं।
मामले में बच्चे की काउंसलिंग कराना पुलिस अधिकारी जरूरी नही बता रहे हैं। वही बिलासपुर में ही एक अन्य रेप के मामले में पुलिस की कुछ और ही दलील हैं। दूसरा मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का हैं। यहां एक युवती ने रसूखदार ठेकेदार पंकज कौशिक नामक युवक पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। इस केस में पुलिस पिछले चार दिन से युवती की शिकायत के बाद भी एफआईआर नही कर रही हैं। इस मामले में पुलिस की जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई करने की दलील दी जा रही हैं। जबकि दुष्कर्म जैसे केस में पीड़ित पक्ष का बयान दर्ज कर तत्काल एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है।
दुष्कर्म पीड़िता का आरोप हैं कि आरोपी उससे पिछले कई सालों से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता आ रहा है। लड़की का उसने दो बार अबॉर्शन भी कराया। कुछ साल पहले पुलिस से इसकी रिपोर्ट लिखाने आई थी। तब युवक और परिजनों ने पुलिस के सामने शादी करने का भरोसा देकर समझौता करा दिया था। वहीं इस पूरे मामले में सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी का कहना है कि युवती का 11 साल से संबंध है, इसलिए जांच की जा रही है। युवक के पास दस्तावेज है और पैसे का लेनदेन भी हुआ है। यही वजह है कि मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।