पीएम मोदी ने मन की बात में किया इमरजेंसी का जिक्र कर कहा–25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात पर देश को संबोधित किया। मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस शासनकाल में देश पर लगाए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते।
मोदी ने कहा, यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। इमरजेंसी भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने emergency का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी, मन, सिहर उठता है
कुछ दिनों पहले ही इमरजेंसी पर लिखी एक और किताब मेरे सामने आई जिसका शीर्षक है–Torture of Political Prisoners in India। इस पुस्तक में वर्णन किया गया है, कि कैसे, उस समय की सरकार, लोकतंत्र के रखवालों से क्रूरतम व्यवहार कर रही थी।
मैं चाहूँगा कि, आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो, देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है। बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी। बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने डेयरी का काम शुरू किया।
मोदी ने कहा, जापान की तकनीक मियावाकी… अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है। मियावाकी जंगल तेजी से फैलते हैं और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं। अब इसका प्रसार बहुत तेजी से भारत के भी अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है।