नवा रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई राजधानी में शहरी ग़रीबो को आवास सुविधा देने के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा BSUP योजना के तहत ग़रीबो के लिये आवास बनाये गये है।
नया रायपुर में (2010-12 में ग्राम नवागांव ( खपरी )में 72, खपरी-24,तुता -120,कयाबांधा -24,उपरवारा -288,चीचा-96,रीको-72,कोटराभाठा-24,नवागांव(परसदा)-144, झांझ-24,कुल 888 मक़ाम बनाये गये है। जो आज उक़्त मकान का हालत काफ़ी जर्जर हो गई है। जिसकी मरम्मत एवं संधारण की अत्यंत आवश्यकता है। वहाँ रहवासियो का हालत छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कहावत “दूब्बर ल दु आषाढ़” कहावत चरितार्थ हो रही है। जीवन यापन से जूझ रहे लोगों पर रहने की दोहरी समस्या NRDA के कुप्रबंधन से उत्पन्न हो रही है।
स्मार्ट सिटी करोड़ों अरबों रुपए बजट में बहा रही हैं। लेकिन ग़रीबो के लिये कुछ थोड़ी अंशदान से BSUPगरीबों के आंसू पोछे जा सकते हैं यां विलेज डेवलपमेंट प्लान से मेनटेनेंस किया जा सकता है। लेकिन गरीबों का कोई सुध लेने वाले नहीं है।
साल दर साल सीलन, छत टपकने की समस्या ,दरारें, जगह-जगह टूट-फूट ,दीवाल को फाड़कर उग आए पेड़, जगह जगह गंदगी की भरमार , झेलते- झेलते सहते -सहते मजबूरन BSUP के मकानों में निवासरत कई लोग डर के मारे मकान खाली छोड़ दिए हैं । एवं डर के साये में मजबूर होकर रहने में मजबूर है। वर्तमान में इन 888 आवासों की रखरखाव नहीं किए जाने के कारण बरसाती हवाओं से हिलते जर्जर मकान कभी भी गिर सकते हैं वहां रहवासियों के जान का खतरा है, फिर क्या करें? कहां रहे? कहां जाएं? शासन संज्ञान लेवे आवासों की फोटोग्राफ अपनी दुर्दशा की कहानी खुद कह रही है। जांगड़े ने बीएफ यूपी आवासों को खंडहर बनने से रोकने, गरीब परिवारों की जान बचाने, मकानों का मेंटेनेंस स्मार्ट सिटी या विलेज डेवलपमेंट प्लान के तहत मरम्मत एवं संघारण करने शासन से माँग किया है। उपयुक्त होगा अन्यथा दुब्बर ल दू आषाढ़ स्पष्ट दिख रही है। जिसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेता एवं क्षेत्र के पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े ने शासन से स्मार्ट सिटी की तर्ज में गरीबों के लिये बनाये गये मक़ाम को विकसित कर सुविधा प्रधान करने की माँग किया है। जिसके लिये सूबे के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल एवं आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र भेजकर ग़रीबो के साथ न्याय करने की माँग किया है।