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मणिपुर में हजारों महिलाओं ने सुरक्षा बलों को घेरा, सुरक्षा बलों को छोड़ने पड़े 12 उग्रवादी

मणिपुर। मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से दो समुदायों के बीच जारी हिंसा की वजह से स्थित काफी गंभीर बनी हुई है। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में 3 मई से अब तक 115 लोगों की जान चली गई है। पूरे राज्य में सेना और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसी बीच लगभग 1500 महिलाओं की भीड़ ने सुरक्षा बलों पर धावा बोला और 12 उग्रवादियों को छुड़ा लिया।

सुरक्षा बलों ने कहा कि उन्हें अपने पकड़े गए 12 कांगलेई यावोल कन्ना लुप उग्रवादियों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लगभग 1500 की महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ ने उन्हें घेर लिया था। उन्होंने कहा कि महिलाओं की झुंड ने तलाशी अभियान को भी विफल कर दिया।घटना की पुष्टि करते हुए सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिन 12 उग्रवादियों को उन्हें छोड़ना पड़ा, उसमें मोइरंगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था। ये वही मोइरंगथेम तम्बा उर्फ उत्तम है, जो 2015 में घात लगाकर किए गए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 18 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी।

सेना के खुफिया ऑपरेशन के बाद उग्र हुईं महिलाएं

सेना के प्रवक्ता ने कहा, 24 जून की दोपहर लगभग 2 बजकर 30 मिनट पर विशिष्ट खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए, इम्फाल पूर्व के इथम गांव में सुरक्षा बलों द्वारा एक ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसके बाद घेराबंदी की गई थी। इस ऑपरेशन में 12 केवाईकेएल कैडरों को हथियारों, गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया था। इन 12 उग्रवादियों में 2015 के डोगरा घात मामले के मास्टरमाइंड स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल इरंगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था, उसकी पहचान की गई थी।सेना के प्रवक्ता ने आगे कहा, इस ऑपरेशन के फौरन बाद महिलाओं और स्थानीय नेता के नेतृत्व में 1200 से 1500 की भीड़ ने तुरंत पूरे टारगेट एरिया को घेर लिया और सुरक्षा बलों को ऑपरेशन के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया।

आक्रामक भीड़ से बार-बार अपील की गई कि सुरक्षा बलों को कानून के मुताबिक ऑपरेशन जारी रखने दें, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अधिकारी ने कहा इसके बाद मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हमने पकड़े गए 12 उग्रवादियों को स्थानीय नेता को वापस सौंप दिया गया। हालांकि, सुरक्षा बलों ने वहां से बरामद हथियार और गोला-बारूद को जब्त कर लिया।

पूरे मणिपुर में महिलाएं सुरक्षा बलों को तलाशी अभियान रोक रही

महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों को तलाशी अभियान चलाने से रोकने का मुद्दा पूरे मणिपुर में हो रहा है। 22 जून को महिला प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में भीड़ ने एक सीबीआई टीम को रोका था, जो हथियारों की लूट की जांच के लिए मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में जा रही थी। 23 जून को भी सेना ने ट्वीट किया था कि महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों को उस इलाके में पहुंचने से रोक दिया, जहां हथियारबंद बदमाश स्वचालित बंदूकों से गोलीबारी कर रहे थे।

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