सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए नॉन-वेज, जाने धार्मिक और साइंटिफिक कारण…
नई दिल्ली : सावन के महीने को बारिश का महीना भी कहा जाता है। अक्सर देखा जाता है कि इस महीने में पानी का जल स्तर बढ़ जाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि जल स्तर बढ़ने के कारण और बारिश के पानी को शांत करने के लिए शिव जी पर जल चढ़ाया जाता है। सावन के महीने को साल का सबसे पवित्र महीने माना जाता है। जानकारों का कहना है कि इस महीने में कोई न कोई दिन किसी न किसी देवी-देवता की आराधना के लिए उपयुक्त होता है। यही कारण है कि इस महीने में मांस ना खाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही वातावरण में फंगस, फफूंदी और फंगल इंफेक्शन बढ़ने लगते हैं। खाने-पीने का सामान जल्दी खराब होने लगता है, क्योंकि सूर्य चंद्रमा की रोशनी का अभाव हो जाता है, जिससे खाद्य पदार्थ जल्द संक्रमित हो जाते हैं
पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है
सावन के महीने में लगातार बारिश होने से आर्द्रता और नमी बढ़ जाती है, जिससे हमारी पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है। मांसाहार पदार्थों को पचने में ज्यादा समय लगता है। पाचन शक्ति कमजोर होने से नॉन-वेज फूड आंतों में सड़ने लगते हैं। पेट भारी लगने लगता है। चूंकि हमारा पूरा शरीर हमारे पाचन अग्नि पर ही निर्भर है, जिससे हमारी तबीयत खराब हो जाती है। अग्नि ही हमारे शरीर के सप्त धातुओं का निर्माण करने में सक्षम होती है। यूं कहे कि पाचन अग्नि ही हमारे सप्त धातुओं की गुणवत्ता को निर्धारित करती है।
जानवर भी हो जाते हैं बीमार : वातावरण में कीड़े, मकोड़े की संख्या बढ़ जाती है। कई बीमारियां जैसे डेंगू, चिकनगुनिया होने लगती हैं, जो जानवरों को भी बीमार कर देती हैं। इनका मांस सेवन करना हानिकारक है।
क्या और कैसी है हमारी पाचन अग्नि
सम अग्नि : इसमें हमारी पाचन क्रिया सामान्य होती है, इसमें भोजन पचने में 5 से 6 घंटे लगता है।
मंद अग्नि : इसमें पाचन 7 से 8 घंटे से अधिक समय लग जाता है, जिसके कारण हमारा भोजन अंदर ही अंदर सड़ने लगता है और अनेक रोगों को उत्पन्न करता है।
इस समय देर से पचने वाला भोजन नहीं करना चाहिए
जानवर जो घास-फूस खाते हैं, उसके साथ बहुत सारे जहरीले कीड़े सेवन कर लेते हैं, इससे जानवर बीमार हो जाते हैं। उन्हें भी संक्रमण हो जाता है। जानवरों का मांस शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो जाता है।
इस मौसम किन जड़ी-बूटियों का सेवन करें : सावन महीने में पाचन अग्नि को दुरुस्त रखने के लिए गिलोय, नीम, तुलसी, चित्रक, दालचीनी, पीपली, सौंफ, सेंधा नमक खाएं।
विषम अग्नि : इसमें भोजन पाचन में 6 घंटे से भी अधिक का समय लगता है।
मछली अंडे देती है, उसका सेवन हानिकारक है
इस समय मछली अंडोत्सर्ग करती है। उसका सेवन करने से बीमारी का खतरा रहता है। अन्य पशुओं के गर्भधारण-प्रजनन का यह समय होता है। इनके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है, इस समय खाना सही नहीं है।