तिल्दा/खरोरा/रवि तिवारी। मिली जानकारी अनुसार ग्राम मोहंदी राम मंदिर के पुजारी केजुराम से मंदिर के नाम पर रखे जमीन और मंदिर पर अपना अधिकार बता कर जितेंद्र तिवारी द्वारा मंदिर मे ताला जड़ दिया गया था तथा जमीन पर आठ वर्षो तक उपभोग किया गया एवं पुजारी के स्थानीय घऱ पर भी कब्जा कर लिया गया जिससे पुजारी परिवार गाँव से बाहर किराएके मकान मे रहने के लिए मजबूर हो गए थे क्योंकि इनके पुरे परिवार मंदिर और उसके जमीन मे ही नर्भर था।
आज से आठ वर्ष पूर्व मोहन्दी गाँव मे स्थित श्री राम मंदिर को जमीन विवाद के कारण ताला लगा दिया गया था इस पर ग्रामीणों द्वारा भी मंदिर के पट खोलने हेतु आग्रह किया गया पर मंदिर का ताला नहीं खुला,वही स्थानीय जन समुदाय का वक्तव्य रहा की भगवान् के घऱ देर है अंधेर नहीं,जो आज सत्य साबित हुवा उक्त विषय पर आज जिला न्यायधीश की आदेश के बाद न्याय हुवा जिससे मंदिर के पुजारी पं केजूप्रशाद शर्मा परिवार के साथ स्थानीय जन गदगद हो गए और वनवास से आये भगवान् राम का बड़ा ही हरसोल्लास से स्वागत वंदन के साथ पूजा अर्चना की,बात विगत आठ वर्ष पूर्व की है ज़ब श्री राम मंदिर का पूजन का कार्य केजू प्रसाद शर्मा द्वारा विगत तीन पीढ़ी से निरंतर किया जा रहा था जिसमे एकाएक ही गाँव के ही जितेंद्र तिवारी ने खरोरा तहसील न्यायालय मे आवेदन किया था और मंदिर का अध्यक्ष बताकर तथा उसके साथ 8 एकड़ जमीन की काबिज मांगी थी इस मामले पर पूर्व तहसीलदार कृष्ण कुमार साहू द्वारा संज्ञान लेकर जितेंद्र कुमार तिवारी के नाम 8 एकड़ जमीन का आदेश पारित किया गया थाजिस पर शर्मा परिवार द्वारा पुनरावलोकन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके बाद कलेक्टर के आदेश और एस डी एम के संज्ञान मे तहसीलदार हरीश कान्त ध्रुव द्वारा सुनवाई की गयी और आवेदक जितेंद्र तिवारी के अपील को ख़ारिज करते हुए केजराम शर्मा के नाम पर सर्वाकार के दस्तावेजो को स्थिर किया गया।
स्थानीय ग्रामीण मुख्य डेरहा राम वर्मा का वक्तव्य है की –मेरे बचपन से मैंने शर्मा परिवार को ही मंदिर का पूजा पाठ करते देखा है जितेंद्र तिवारी द्वारा जबरन विवाद कर तहसील मे अपील करके राम मंदिर जमीन तथा शर्मा परिवार का घऱ कब्जा किया गया है जिसका विरोध समय समय पर ग्रामीणों द्वारा किया गया पर आज सत्य की जीत हुई।
मेरे तीन पीढ़ी द्वारा निरंतर राम मंदिर पर पूजा का कार्य किया जरा रहा है तथा इसके जमीन पर ही हमारा परिवार निर्भर रहा है जिसे जमीन हड़पने की मनसा से जबरन बलात् पूर्वक कब्जा किया गया था जिसमे अब न्याय मिला।
केजू प्रसाद शर्मा पुजारी
यह मामला सर्वराकार की जमीन पर दावा का था जिसमे तत्कालीन तहसीलदार द्वारा जो फैसला दिया गया था उस पर पुनर्विचार कर सुनवाई की गयी है जिसमे केजू प्रशाद शर्मा को सर्वराकार के रूप मे यथावत रखा गया है क्योंकि सर्वराकार ही जमीन का मुख्य प्रबंधक होता है यह आदेश कलेक्टर महोदय का रहा है।
हरीश कांत ध्रुव नायब तहसीलदार खरोरा