धीरेंद्र शास्त्री के कथा में बाउंसर ने की श्रद्धालुओं की जमकर पिटाई…
ग्रेटर नोएडा, । ग्रेटर नोएडा के जैतपुर में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन देर रात श्रद्धालु से बाउंसर ने मारपीट की। एक के बाद एक श्रद्धालु को सात थप्पड़ जड़ दिए गए। मारपीट का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ है।लोगों ने बाउंसर के कृत्य की आलोचना की है। जिस दौरान मारपीट हुई उस दौरान वहां पुलिस भी मौजूद थी। इसके बाद भी बाउंसर के अंदर पुलिस का खौफ नहीं दिखा और श्रद्धालुओं की जमकर पिटाई कर दी।
भारत में होगी राम राज्य की स्थापना- धीरेंद्र शास्त्रीजैतपुर गांव में चल रही भागवत कक्षा के दूसरे दिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू के ऊपर अत्याचार करने वालों की ठठरी और गठरी बांधनी होगी। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि माथे तिलक लगाने पर एक स्कूल में विद्यार्थियों को रोका गया। आने वाले समय में मंदिर जाने और रामायण पढ़ने से भी रोका जाएगा। ऐसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
भारत में मजहबियों के धर्म विरोधी दुष्चक्र से बचाना चाहते हैं तो भारत को अपने हाथ से मत फिसलने देना, विदेश मत बनने देना। अपनी सनातन संस्कृति को बढ़ाना होगा। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह एक पुस्तक लेकर आ रहे हैं, इस पुस्तक को पढ़ने के बाद भारत का हर एक बच्चा एक लाख धर्म विरोधी लोगों के सामने ताल ठोक कर कह सकेगा कि सनातन धर्म क्या है?उन्होंने भागवत कथा सुनने पहुंचे लोगों से कहा कि अपने बच्चों के मस्तक पर तिलक लगाओ, उनसे रामचरित मानस का पाठ कराओ। याद रखो भारत जैसा राष्ट्र दोबारा मिलने वाला नहीं है।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह किसी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन लोगों को जगाने आए हैं और जगा कर ही जाएंगे।भारत में राष्ट्रीयता व राम राज्य की बात होगी। उन्होंने कहा कि जो वन गया वह बन जाता है। पचास वर्ष की आयु के बाद वन चले जाना चाहिए। वन का मतलब वन (जंगल) जाना नहीं बल्कि वासनाओं से मुक्ति है। जो व्यक्ति लालच, वासना व ईष्या से मुक्ति पा जाता है। वह भक्ति के मार्ग पर पहुंच जाता है।भक्ति के बिना इंसान का शरीर शव के समान है और भक्ति से शव भी शंकर बन जाता है। असली भक्ति भगवान के चरित्र का श्रवण कर उसका स्मरण करना है।
उन्होंने कहा कि लोग प्रेत पर भरोसा करने लगते हैं। कण-कण में भगवान हैं इस पर भरोसा नहीं करते हैं।भागवत की कथा सुनने से भूत प्रेत निकट नहीं आता है। कथा सुनने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।