सूरजपुर। छत्तीसगढ़ की आकांक्षा मिश्रा के झारखंड के पलामू में धर्म परिवर्तन कर जुनैब खातून बनने पर दोनों राज्यों में बवाल मचा हुआ है। सोमवार को भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने इसे लव जिहाद बताते हुए मेदिनीपुर शहर थाने से लेकर कलेक्टोरेट तक विरोध-प्रदर्शन किया। वहीं छत्तीसगढ़ में युवती के परिजनों ने आरोपी युवक साजिद पर बेटी के अपहरण का आरोप लगाया है। युवती के पति ने अपनी पत्नी को सकुशल उन्हें सौंपने की मांग की है। इधर सूरजपुर एसपी ने कहा कि यहां से एक टीम भेजी जा रही है, जो महिला आकांक्षा और साजिद को छत्तीसगढ़ लेकर आएगी।
आगे की जांच सूरजपुर पुलिस करेगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की रहने वाली आकांक्षा शादीशुदा है। एक साल पहले ही उसकी शादी सूरजपुर जिले के रहने वाले नितिन गुप्ता के साथ हुई थी। इसके बावजूद तरहसी थाना क्षेत्र के गुरहा निवासी (पलामू जिला) मोहम्मद साजिद जो सूरजपुर में रहकर मोटरसाइकिल मैकेनिक का काम करता था, उसे भगाकर अपने घर गुरहा ले आया। आरोपी युवक ने यहां आकांक्षा का धर्म परिवर्तन कर उसे जुनैब नाम दे दिया। इसके बाद दोनों ने निकाह कर लिया।
आकांक्षा के धर्म परिवर्तन करने और निकाह का प्रमाण पत्र प्रखंड स्तर से बनवाने के लिए किए गए आवेदन की जानकारी परिवार वालों को गुरहा पंचायत की मुखिया सब्बा फिरदौस खान और पंचायत सचिव ईश्वरी मांझी द्वारा अंबिकापुर स्थित घर पर भेजे गए नोटिस से हुई। इसके बाद आकांक्षा के पिता जितेंद्र मिश्रा, पति नितिन गुप्ता, मां और भाई झारखंड के पलामू पहुंचे और पूरे मामले से विधायक शशिभूषण मेहता को अवगत कराया।
धर्म परिवर्तन के इस मामले ने तूल पकड़ा, तो पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आई। आकांक्षा को पुलिस सुरक्षा में ले लिया गया है। उन्हें तरहसी से लेकर शहर थाने में रखा गया है। इसकी जानकारी जब पांकी विधायक शशि भूषण मेहता को हुई, तो उनके नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने थाने को घेर लिया और आकांक्षा को वापस घर भेजने, गुरहा मुखिया और पंचायत सचिव पर कार्रवाई करने और साजिद को गिरफ्तार करने का मांग की।
एसपी रिष्मा रमेशन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में आकांक्षा की गुमशुदगी का मामला दर्ज है। आकांक्षा और साजिद दोनों को सूरजपुर थाने को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की जांच छत्तीसगढ़ में होगी। मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा नोटिस जारी किए जाने की जांच पलामू पुलिस करेगी। इधर सूरजपुर से भी पुलिस टीम पलामू के लिए रवाना हुई है, जो आकांक्षा और साजिद को छत्तीसगढ़ लेकर आएगी।
आकांक्षा के जुनैब बनने और मो. साजिद से निकाह करने के मामले में गुरहा पंचायत की मुखिया सबा फिरदौस खान की भूमिका संदिग्ध है। गुरहा के पंचायत सचिव ईश्वरी मांझी का कहना है कि मुखिया जल्द से जल्द शादी का प्रमाण पत्र जारी करने का दबाव बना रही थी। लेकिन मामला दो समुदायों का होने के कारण उन्होंने निकाह का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया। मुखिया द्वारा प्रमाण पत्र के लिए लगातार दबाव बनाया जाने लगा, तब प्रमाण पत्र जारी करने के पहले युवती के घर पर नोटिस भेजकर घर वालों से इस पर राय मांगी गई।
5 जुलाई को नोटिस तैयार हुआ था। मुखिया ने जानबूझकर 25 जुलाई को इसे पोस्ट किया। वो चाहती थी कि 30 दिनों की समय सीमा बगैर घर वालों को जानकारी हुए निकल जाए और निकाह का प्रमाण पत्र जारी हो जाए। यही कारण है कि 5 जुलाई को हस्ताक्षर किया गया नोटिस दो अगस्त को आकांक्षा के घर वालों को मिला।
आकांक्षा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी घर से बीएड की परीक्षा देने के लिए भिलाई गई थी, लेकिन वहीं से वो लापता हो गई। जिसे लेकर छत्तीसगढ़ के संबंधित थाने में FIR दर्ज कराई गई। कुछ दिनों पहले 2 अगस्त को मुखिया और पंचायत सचिव के हस्ताक्षर से उन्हें नोटिस मिलता है कि बेटी आकांक्षा ने तरहसी के गुरहा गांव निवासी मो. साजिद खान के साथ निकाह का आवेदन दिया है। मामले में पीड़िता के पिता ने आपत्ति दर्ज कराई है और साजिद खान पर बेटी के अपहरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने स्थानीय पांकी विधायक से मदद भी मांगी है। वहीं आकांक्षा के पति नितिन गुप्ता ने इस मामले में आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए पत्नी की सकुशल रिहाई की मांग की है। इधर आकांक्षा और साजिद मेदिनीनगर शहर थाना पहुंचे और सुरक्षा की मांग की है।