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उस विपरीत पल में घटी घटना छोटी भले हो, लेकिन उसका प्रभाव हजार साल तक रहा,” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा….

भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने देश को लाल किले की प्राचीर से संबोधित किया. पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर अपने संबोधन में इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि आज देश जो भी फैसला लेगा उसका असर आने वाले एक हजार साल तक के भारत के भाग्य पर पड़ेगा.प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में कहा, ‘आज से 1000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ.

एक छोटे से राज्य के छोटे से राजा की हार हुई, लेकिन तब पता नहीं था कि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी और हम गुलामी में जकड़ते चले गए. जिसका मन चाहा हमें लूटता रहा, जिसका मन चाहा हम पर सवार हो गया.’पीएम मोदी ने कहा कि उस विपरीत पल में घटी घटना छोटी भले हो, लेकिन उसका प्रभाव हजार साल तक रहा.

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के वीरों ने इस विपरीत परिस्थिति में भी देश की आजादी की लौ को जलाए रखा और आखिरकार 1947 में हजार साल की गुलामी के बाद देश आजाद हुआ.आज जो करेंगे उससे तय होगी आने वाले 1000 सालों की दिशाइस घटना का जिक्र करने का कारण बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हजार साल पहले की बात को आज मैं इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि देश के सामने फिर एक मौका आया है.

जिस कालखंड में हम आज जी रहे हैं उसमें हम जो कदम उठाएंगे, फैसले लेंगे उसी से आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास अंकुरित होगा. इस दौरान होने वाली घटनाओं का प्रभाव आने वाले हजार सालों पर पड़ेगा.’लाल किले से संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं अनुभव कर रहा हूं कि पिछले 9-10 सालों में भारत की चेतना और सामर्थ्य के प्रति विश्वभर में नया आकर्षण, नया विश्वास, नई आशा पैदा हुई है.

पीएम मोदी का कहना है कि भारत से उठे इस प्रकाश में विश्व को ज्योति नजर आ रही है.इस दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो विरासत हमें दी है, उससे हम विश्व को रास्ता दिखा सकते हैं.

इसलिए अब हमें न ही रुकना है और न ही किसी दुविधा में जीना है. हमें खोयी हुई उस विरासत और समृद्धि को याद करते हुए वो फैसले लेने हैं, जो अगले एक हजार साल तक देश की दिशा निर्धारित करेंगे.

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