रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि 5 सालों में छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदली है। छत्तीसगढ़ में पहले दिन से ही भूपेश बघेल सरकार आम जनता की समृद्धि को लक्ष्य करके काम कर रही है और यही कारण है कि प्रदेश में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक समृद्धि दिनों दिन बढ़ रही है। आम जनता की सहभागिता सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों में लगातार बढ़ रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में किए गए 36 में से 34 से अधिक वादे पूर्ण कर लिए गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा ने रमन राज के 15 साल के कुशासन में जनता के साथ धोखाधड़ी की। छत्तीसगढ़ को गरीबी रेखा के मामले में देश में नंबर वन बनाया, राष्ट्रीय औसत से लगभग दुगुना था। गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, पलायन, कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत और नक्सलवाद ही रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ की पहचान हुआ करती थी। प्रदेश के किसानों को बोनस के नाम पर ठगा गया, आदिवासियों को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय और प्रत्येक परिवार से एक सदस्य के नौकरी के नाम पर ठगे, छत्तीसगढ़ के युवाओं के नौकरी के अधिकार को आउटसोर्सिंग के नाम पर बेचा गया।
यह भी ऐतिहासिक तथ्य है कि सितंबर 2018 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार के दौरान सीएमआईई के द्वारा जारी आंकड़ों में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत थी जो वर्तमान भूपेश बघेल सरकार के दौरान घटकर 0.8 प्रतिशत रह गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि विगत 5 महीनों से लगातार छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है, जबकि देश की औसत बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ से लगभग दस गुना अधिक है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 40 लाख लोग गरीबी रेखा के ऊपर आये है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि रमन राज के कुशासन में कभी रतनजोत, कभी औषधि खेती तो कभी उद्योग लगाने के नाम पर किसानों की हजारों एकड़ जमीन छीनी गई, आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन के अधिकारों से वंचित किया गया वहीं वर्तमान भूपेश बघेल सरकार ने 5 लाख से अधिक वन अधिकार पट्टा जारी कर लगभग 96 लाख एकड़ जमीन आदिवासियों को सौंपी गई है।
ना केवल सरकारी नौकरी में नियमित पदों पर भर्ती हो रही है बल्कि नई औद्योगिक नीति के माध्यम से छत्तीसगढ़ के निजी उद्योगों में भी स्थानीय लोगों को प्रमुखता से स्थान मिल रहा है। प्रदेश में न केवल पंजीकृत किसानों की संख्या दोगुनी हुई है बल्कि कृषि का रकबा भी बढ़ा है और धान खरीदी की पिछले साल 107 लाख मीट्रिक टन था, इस वर्ष 125 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित है।