खिशोरा के 8 और 9 के टेढ़े-मेढ़े सकरा नाली बनी खतरे की घंटी
टेढ़े-मेढ़े सकरा नाली बनी खतरे की घंटी बड़े बूढ़े और छोटे-छोटे बच्चे पालतू पशु कुत्ते गाय नाली में गिरकर जख्मी हो जा रहे हैं बलौदा ब्लॉक के जवाबदेही अधिकारी आखिर मौन क्यों

रिपोर्टर मनीराम आजाद
जांजगीर चांपा
वैसे तो सरपंच की जवाबदारी गांव की देखरेख के साथ-साथ गांव की साफ सफाई और गांव में विकास कार्य का एक अहम भूमिका होती हैं लेकिंन खिशोरा पंचायत सरपंच के द्वारा गांव की विकास में पाषण युग में चले रहे हैं। अभी हाल ही में रिमझिम जोर से बारिश हुई थी।जिसमें नाली का गंदा पानी रोड के ऊपर बहने लगे थे सतनामी मोहल्ला में वार्ड नंबर 8, 9, में बारिश के दिनों गंदा पानी में घरों में पानी घुस जाता हैं।
वार्ड नंबर 8,9, में जिस तरह से नाली निर्माण किया गया हैं। वह नाली टेढ़े-मेढ़े उबड़ खबड़ बनाई गई हैं। 8,9, नाली निर्माण कार्य में नाली रूप रेखा उबड़ खबड़ टेढ़े मेढ़े पूरी तरह से नाली नक्शा बिगाड़ दिया गया हैं। जबकि नाली निर्माण के लिए बलौदा ब्लॉक के पदाधिकारी के द्वारा 10 लाख 64 000 अनुमानित राशि ग्राम पंचायत खिशोरा को दी गई हैं। ताकि वार्ड नंबर 9,8 में जो नाली के समस्या बानी हुई है उससे मोहल्ले वालों को समस्या से निजात दिला सके, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में ग्राम पंचायत खिशोरा सरपंच पीछे नहीं हैं। क्योंकि नाली निर्माण में जो कमियां दिख रही हैं उसे यह साफ जाहिर हो रहा हैं की यह भ्रष्टाचार की नाली ऊपर से उबड़ खाबड़ आधा अधूरा निर्माण कर छोड़ दिया गया हैं।
जिसमें इस टेढ़े-मेढ़े नाली में ढक्कन की व्यवस्था नहीं होने से छोटे-छोटे बच्चे और घरेलू पशु नाली में गिर जा रहे हैं आए दिन इस नाली में गाय कुत्ते और वाहनों का दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। खिशोरा ग्राम पंचायत में वार्ड 8,,9,,में नाली निर्माण कार्य में नालियों के बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए गए हैं। जिससे ग्रामीण वासियों के बच्चे एवं पालतू पशु आए दिन गिराते रहते हैं।
टेढ़े मेढ़े सकरा नाली में ढक्कन नहीं लगने से नाली के गंदे पानी की वजह से जहरीले मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं जिससे ग्रामवासी लोग बीमार हो जा रहे हैं। सरपंच की लापरवाही की वजह से नाली में ढक्कन नहीं लगने से बच्चे एवं बूढ़ों को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा हैं।नाली में ढक्कन नहीं लगने से भारी भरकम गंदे बदबूओं का सामना करना पड़ रहा हैं। जिससे ग्राम वासियों को सांस लेने में तकलीफ होती हैं। इस समस्या से गांव वाले कब तक जुजाते रहेंगे आखिरकार ब्लॉक में बैठे अधिकारी मोनी बाबा बने क्यों हैं।ग्राम वासी जानने के लिए उत्सुक हैं।