कोरबा । विभाग भले ही लाख दावा कर ले, लेकिन अभी भी हजारों छात्र ऐसे हैं, जिन्हें बुनियादी शिक्षा के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है। कभी खंडहर भरे स्कूल, तो कभी रास्तों व पुल पुलिया के अभाव में जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने की कवायद।
हाल में एक शिक्षिका का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वो अफनती नदी को पार कर स्कूल जाती थी। हर दिन जान की बाजी लगाकर स्कूल तक जाने के वायरल वीडियो के बाद एक शिक्षा की चुुनौतियों से जुड़ी एक और तस्वीर सामने आयी है
ये तस्वीर है कोरबा के पाली ब्लॉक की है। स्कूल जाते बच्चों की ये ऐसी तस्वीर है, जिसे देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे। ये हाल तब है जब सूबे के कद्दावर मंत्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा से आते हैं। सालों तक शिक्षा मंत्री रहे प्रेमसाय सिंह इस जिले के प्रभारी मंत्री रहे। बावजूद शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाली एक खौफनाक तस्वीर सामने आई है।
तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि स्कूली बच्चे उफनती नदी को पार कर रहे हैं। दरअसल ये तस्वीर जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बतरा की है। गांव से गुजरे खारुन नदी में पुल नही होनें के कारण पंचायत के दो गांव टापू में तब्दील हो जाते है।
नदियापार और कुंभीपानी के 30 बच्चे इसी तरह नदी में तैरकर लहरापारा बस्ती स्थित मिडिल स्कूल पहुंचते हैं। पिछले दो दशक से पुल की मांग की जा रही है लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई। बारिश के मौसम में इसी तरह बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं।