रायपुर शिक्षा के क्षेत्र में संजीदा छत्तीसगढ़ सरकार ने मेडिकल व इंजीनियरिंग स्टूडेंट के लिए एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना (Swami Atmanand Coaching Scheme) की शुरुआत हो रही है। इस योजना का लाभ प्रदेश के उन लाखों बच्चों को होगा, जो मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए निजी कोचिंग संस्थानों पर निर्भर रहते हैं और अपना लाखों रूपया खर्च करने को मजबूर होते हैं।
25 सितंबर से शुरू हो रही इस योजना को लेकर सभी कलेक्टर और DPI के संयुक्त संचालक को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। ये कोचिंग ऑनलाइन होगी। स्कूल शिक्षा विभाग की योजना के मुताबिक प्रदेश की कक्षा 12वीं में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को 146 विकासखंड मुख्यालयों और 4 शहरी स्रोत केंद्रों (रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा) के नामचीन कोचिंग इंस्टीच्यूट और राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा प्री मेडिकल (NEET) तथा प्री इंजीनियरिंग (IIT-JEE Main And Advance) की तैयारी करायी जायेगी।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि ख्याति प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान से राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा प्री मेडिकल टेस्ट (नीट) और प्री इंजीनियरिंग (आईआईटी, जेईई मेन एवं एडवांस ) की कोचिंग दी जाएगी। घोषणा के अनुरूप कोंचिग के लिए संस्थान का चयन प्रक्रियाधीन है। राज्य शासन के निर्णय अनुसार 25 सितम्बर 2023 से इस योजना का शुभारंभ राज्य के 146 विकासखण्ड मुख्यालयों में बीआरसीसी केन्द्र या इसके नजदीक हायर सेकेण्डरी में ऑनलाइन अध्ययन की व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त 04 शहरी स्त्रोत केन्द्रों- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर व कोरबा में (सीआरसी) संचालित किए जाना है। कोचिंग राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम से चयनित संस्था द्वारा प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा की थी की दूरस्थ क्षेत्रों के शासकीय शालाओं के 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग हेतु देश की ख्याति प्राप्त संस्थाओं द्वारा सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में ऑनलाईन कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को कोचिंग के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि, चूंकि ख्याति प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान का चयन अभी नहीं हो पाया है इसलिए भौतिक, रसायन, जीवविज्ञान और गणित विषय के शासकीय संस्थाओं से ऑफ लाइन माध्यम से प्रारंभ करने की कार्यवाही की जाए। इस संबंध में कोचिंग के लिए उपयुक्त भवन या कक्ष का चयन किया जाए। प्रत्येक कक्ष में 100 प्रशिक्षणार्थियों में 50 मेडिकल और 50 इंजीनियरिंग का चयन किया जाए। प्रशिक्षणार्थियों का न्यूनतम 60 प्रतिशत अंको के साथ कक्षा 10 वीं में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
अभ्यर्थी को संबंधित विकासखण्ड, शहर के शासकीय विद्यालय में कक्षा 12 वीं का नियमित विद्यार्थी होना चाहिए। विकासखण्ड मुख्यालय की शालाओं में कक्षा 12 वीं में जीवविज्ञान तथा गणित संकाय अंतर्गत अध्ययनरत विद्यार्थी ही पात्र होंगे। निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर कक्षा 10 वीं की प्राप्त अंको की मेरिट केे आधार पर चयनित किया जाएगा। कोचिंग प्रतिदिन अपरान्ह 4.30 बजे से 6.30 बजे तक संचालित होगी। विषयवार प्रशिक्षण रोस्टर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तैयार किया जाएगा।
प्रत्येक कोचिंग केन्द्र में भौतिक, रसायन, जीवविज्ञान और गणित विषय के लिए नोडल शिक्षक चिन्हित किया जाएगा और एक मुख्य नोडल अधिकारी भी होगा, जो प्राचार्य, वरिष्ठ व्याख्याता स्तर का होगा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा केन्द्र वार नोडल अधिकारी का चयन कर आदेश जारी किया जाएगा। इन चयनित नोडल अधिकारियों को मानदेय का प्रावधान रहेगा। इसका भुगतान छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा किया जाएगा।
कोचिंग संस्थान तथा विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा मानक मूल्यांकन पत्र विकसित किया जाएगा। कक्षा अध्यापन का प्रसारण राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के एडूसेट से किया जाना है। प्रसारण ई-विद्या चैनल के माध्यम से चैनल क्रमांक 72 पर ऑन एयर किया जाएगा तथा ऑनलाइन प्लेटफार्म गूगलमीट के माध्यम से 150 केन्द्रों में बैठे विद्यार्थी विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर पाएंगे।