रायपुर। CGPSC गड़बड़ी को लेकर आज आम आदमी पार्टी ने प्रेस वार्ता की है. इस दौरान तीनों प्रवक्ताओं ने सीजीपीएससी धांधली मामले में कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला है,प्रमुख प्रवक्ता सुरज उपाध्याय ने सीजीपीएससी प्रकरण में हुए घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि यह युवाओं को निराश करने वाली घटना है। छत्तीसगढ़ शासन प्रदेश के विकास में योगदान देने के उद्देश्य से सिविल परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं का भरोसा खो चुकी है।
सुरज उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है। पीएससी परिणामों में इस कदर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है कि पीएससी के चेयरमैन और कांग्रेसी नेताओं के करीबियों को मेरिट लिस्ट में जगह दी गई है। इसके चलते होनहार बच्चों को सूची में जगह नहीं मिल पाई है। सीजीपीएससी में अनियमितता और भ्रष्टाचार ‘कमीशन राज’ को दर्शाता है। सीजीपीएससी 2021 की प्रक्रिया तीन साल में पूरी की गई। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 2021 और मुख्य परीक्षा 2022 में हुई थी, जबकि साक्षात्कार का परिणाम इस साल यानी 2023 में जारी किया गया। इससे पता चलता है कि घोटाला कैसे हुआ है।
आप’ प्रवक्ता विजय कुमार झा ने सरकारी अधिकारियों और सत्ताधारी दल के नेताओं के परिवारों से कुछ उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीजीपीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र को सीजीपीएससी-2021 की परीक्षा में सातवां स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि सोनवानी के बेटे का नाम प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में पूरी तरह से सरनेम के साथ उल्लेख किया गया था, लेकिन परिणाम में उसका नाम बिना सरनेम के लिखा गया। सरकार की यह कार्यप्रणाली संदेहास्पद है, यह जांच का विषय है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अन्यतम शुक्ला ने कहा कि भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ के युवाओं का राजनेताओं और नौकरशाहों का बेटा ना होना अपराध हो गया है। भूपेश बघेल के नेतृत्व में लोक सेवा आयोग पैसे वसूल करने वाली कंपनी की तरह काम कर रही है। प्रदेश के युवा ऑन कैमरा सबूत दे रहे हैं।
इसके बावजूद पता नहीं किस चीज का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से सबसे ज्यादा निराशा उन मेहनती छात्रों को हुई है। जो अपने मेहनत के दम पर प्रदेश और परिवार का विकास करने का इरादा रखते हैं। भूपेश सरकार को उन छात्रों का भरोसा जीतने के लिए इस प्रक्रिया का निष्पक्ष जांच कराना चाहिए।