संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के फैसले पर लगी मुहर, मदरसा बोर्ड सहित इस विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को मिली सौगात
जयपुर: छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। कहा जा रहा है कि निर्वाचन आयोग कभी भी आचार संहिता का ऐलान कर सकती है। बता दें कि निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के तुरंत बाद से आचार संहिता लगा दी जाती है। चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों के नेता मैदान में उतर चुके हैं। जहां एक ओर सत्ताधारी पार्टी सरकार में बने रहने के लिए कई वादे और दावे कर रही है तो दूसरी ओर विपक्षी दल भी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। चुनावी सरगर्मी के बीच प्रदेश सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है।
मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान की गहलोत सरकार ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर मुहर लगा दी है। बताया जा रहा है कि सरकार ने पहले मदरसा बोर्ड और महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों का नियमितीकरण करने का फैसला लिया है। सरकर ने राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के तहत चुनाव से पहले 10528 कार्मिकों को नियमित करने का निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्यरत 9 वर्ष या इससे अधिक का कार्यानुभव रखने वाले संविदा कार्मिकों के लिए संविदा पदों के स्थान पर 4 हजार 966 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। इन नवसृजित पदों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 1 हजार 698, ग्राम रोजगार सहायक के 1 हजार 548, डाटा एंट्री सहायक के 699, लेखा सहायक के 622, एम.आई.एस. मैनेजर के 159, सहायक के 150, समन्वयक (अभिसरण एवं मूल्यांकन) के 48, समन्वयक (आई.ई.सी./प्रशिक्षण/पर्यवेक्षण) के 40 तथा प्रोग्रामिंग एवं एनालिसिस विशेषज्ञ व प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ का 1-1 पद शामिल हैं। ये पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे।
इसी प्रकार गहलोत ने राजस्थान मदरसा बोर्ड में भी 9 वर्षों से अधिक का कार्यानुभव रखने वाले कार्मिकों को नियमित करने के लिए संविदा पदों के स्थान पर 5 हजार 562 पदों के सृजन का फैसला किया है। नवसृजित पदों में शिक्षा अनुदेशक के 5220, कम्प्यूटर अनुदेशक के 215, कम्प्यूटर शिक्षा सहयोगी के 88 एवं शिक्षा सहयोगी के 39 पद शामिल हैं।