BJP का प्रयोग-पार्टी में टिकट का वियोग : ओजस्वी मंडावी को साधने में जुटी बीजेपी,घर पर चली घंटो मीटिंग,समर्थक निर्दलीय चुनाव लड़ने भर रहे हुंकार
बस्तर आलम ये है कि टिकट नही मिलने से पार्टी के नेता आंसू छलकाने से लेकर बागी तेवर अपना रहे है। ताजा मामला दंतेवाड़ा से दिवंगत नेता भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को टिकट नही मिलने का है। दिवंगत भीमा मंडावी की बेटी का मार्मिक विडियों सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जहां समर्थक बागी हो रहे है,वहीं बीजेपी के लिए दंतेवाड़ा में मुश्किले बढ़ती नजर आ रही है। लिहाजा बीजेपी नाराज ओजस्वी मंडावी को मनाने के लिए ऐढ़ी-चोटी का जोर लगाये हुए है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी से एक कदम आगे चल रही है। प्रदेश की 90 में से 85 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने दो लिस्ट जारी कर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी को उम्मींद थी कि लिस्ट जारी होने के बाद जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता एकजुट होकर कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मोर्चा संभाल लेंगे। मगर प्रदेश के कई हिस्सों में इसके उल्ट बगावत का नजारा सामने आ रहा है। दंतेवाड़ा से विधायक रहे दिवंगत भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को इस चुनाव में पार्टी से टिकट मिलने की उम्मींद थी। लेकिन पार्टी ने उप चुनाव में हार के बाद ओजस्वी मंडावी को मौका न देकर इस बार चैतराम अटामी को दंतेवाड़ा से अपना प्रत्याशी बनाया है।
पार्टी का ये फैसला मंडावी परिवार को नागवार गुजरा है। पिछले दिनों ही दिवंगत भीमा मंडावी की बेटी दीपा मंडावी ने मार्मिक विडियों जारी कर बीजेपी से सवाल किये थे। विडियों में भीमा मंडावी की सहादत के बाद भी ओंजस्वी मंडावी को टिकट नही देने पर दीपा मंडावी ने बीजेपी की रीति-नीति पर सवाल उठाये थे। बताया जा रहा है कि इस विडियों के सामने आने के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया। पार्टी से टिकट नही मिलने के बाद समर्थको ने ओजस्वी मंडावी का समर्थन करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ाने हुकार भर दिया है। लिहाजा दंतेवाड़ा में बीजेपी की कमजोर होती साख को देखते हुए गुरुवार शाम ओजस्वी मंडावी के निवास पर हाई लेवल मीटिंग किया गया।
जिसमें पार्टी के जिला संगठन प्रभारी श्रीनिवास राव मद्दी मौजूद रहे। जिले के 5 मंडल अध्यक्ष और कुछ नेता भी इस बैठक में शामिल हुए थे। सूत्रों की माने तो पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर और डॉ. रमन सिंह ने भी ओजस्वी से फोन पर बात कर समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वो नहीं मानीं। बताया जा रहा है कि ओजस्वी मंडावी के समर्थक उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। जानकारों की माने तो अगर पार्टी अपने फैसले को बदलकर ओजस्वी मंडावी को टिकट देती है, तो इस पूरे मामले का पटाक्षेप हो जायेगा, वरना कई नेता संगठन से इस्तीफा देने की बात कह रहे है।
हालांकि ओजस्वी मंडावी ने अभी निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर अपनी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया है। बावजूद इसके बीजेपी के लिए इस सीट पर परेशानी बढ़ती दिख रही है। खैर दंतेवाड़ा जिला में पहले चरण में मतदान होना है। ऐसे में टिकट को लेकर व्याप्त कलह के बीच कार्यकर्ता भी बागी तेवर दिखा रहे है। ऐसे में अगर बीजेपी अपने फैसले पर अड़ी रहती है और ओजस्वी मंडावी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरती है,तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होना तय माना जा रहा है। वहीं जानकारों का ये भी मानना है यदि पार्टी एक सीट पर टिकट बदलती है,तो प्रदेश के अन्य सीटों पर भी प्रत्याशी बदलने को लेकर चल रहा विरोध उग्र हो सकता है। लिहाजा बीजेपी इस पूरे मामले में किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले पार्टी को होने वाले नफा-नुकसान को जरूर देखेगी।