छत्तीसगढ़

चुनाव से ठीक पहले CM फेस को लेकर राजनीति गरमाना शुरू,,CM फेस को लेकर डाॅ.महंत ने कह दी ये बड़ी बात…

रायपुर । छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले CM फेस को लेकर राजनीति गरमाना शुरू हो गया है। कोरबा प्रवास पर पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष डाॅ.चरणदास महंत ने सीएम फेस पर बीजेपी पर पलटवार करते हुए कह दिया कि सीएम चेहरा बीजेपी घोषित कर ही नही सकती। बीजेपी के पास न तो जीतने लायक कैंडिडेट है और ना ही उनकी सरकार बनने लायक है, तो फिर किसका चेहरा लेकर वो खराब करेंगे। वहीं कांग्रेस के सीएम फेस के सवाल पर महंत ने कह दिया कि हाईकमान के निर्देश पर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा है और अभी भी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद हाईकमान जो कहेगा…वही मुख्यमंत्री बनेगा। कुल मिलाकर देखा जाये तो कांग्रेस भी CM फेस डिक्लियर करने से पार्टी में होने वाले अंतर्कलह से घबरा रही है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की बिगुल बज चुका है। सूबे की सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी लगातार एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा मुख्यमंत्री को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमाने लगी है। एक तरफ जहां विपक्ष में बैठी बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर प्रदेश में चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस चुनाव का नेतृत्वकर्ता तो मान रही है, लेकिन प्रदेश में दोबारा सरकार बनी तो सीएम कौन होगा, इसे लेकर कोई भी बड़ा नेता कुछ भी खुलकर बोलने से बचता नजर आ रहा है। गुरूवार को कोरबा जिला के कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन दाखिला कराने पहुंचे डाॅ.चरणदास महंत शुक्रवार सुबह कोरबा से वापस लौटे।

कोरबा हेलीपेड पर वापसी के दौरान डाॅ.महंत ने मीडिया से चर्चा की। उन्होने बताया कि कांग्रेस की सरकार ने पिछले 5 सालों में गांव,गरीब,आदिवासी,किसान,धान और नौजवान के साथ ही प्रदेश की संस्कृति को सहेजने का जमीनी स्तर पर काम किया है। जिसे प्रदेश की जनता ने महसूस ने किया है। डाॅ.महंत ने कांगेस सरकार की सफलतम नीतियों के दम पर दोबारा सरकार बनाने का दावा किया। वहीं बीजेपी का CM फेस डिक्लियर नही किये जाने पर महंत ने तंज कसते हुए कह दिया कि CM चेहरा बीजेेपी तो कर ही नही सकती। क्योंकि उनकी जीत ही सुनिश्चित नही हो रही है,बेचारे घूम-घूम के थक गये है।

अभी तक कुछ बोल ही नही पा रहे है….किसके बारे में क्या बोले। ना उनके पास कैंडिडेट है जीतने लायक, ना उनकी सरकार बनने लायक है। वहीं डाॅ.चरणदास महंत से जब कांग्रेस का सीएम फेस को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होने बड़ी ही चतुराई से पूरी बात को हाईकमान पर टाल दिया। महंत ने अपने जवाब में कहा कि हाईकमान के निर्देश पर पहले भी सामूहिक नेतृत्व पर चुनाव लड़ा गया था और अभी कांग्रेस पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। चुनाव जीतने के बाद हाईकमान जिसे कहेगा…. वही मुख्यमंत्री बनायेगा।

एक दिन पहले ही कोरबा नामांकन दाखिल कराने पहुंची प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने भी कांग्रेस के सीएम फेस पर कुछ बोलने से बचते हुए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया था। कुल मिलाकर देखा जाये तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां सीएम फेस को पत्ता खोलने से घबरा रही है। कांग्रेस को डर है कि मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने पर पार्टी में एक जुटता नही रहेगी और पार्टी अंतर्कलह का शिकार होने के साथ ही छत्तीसगढ़ की सत्ता से हाथ धो बैठेगी। लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पार्टियां पहले अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य लेकर चुनावी मैदान में ताल ठोकती नजर आ रही है।

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