जांजगीर चांपा

कांग्रेस की सरकार ने नही दिया रोजगार , पेट पालने के लिए बड़ी संख्या में पलायन…

जांजगीर छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिले में ऐसे भी लोग जिन्हें इस मतदान से कोई मतलब नहीं है. रोजगार की तलाश में यहाँ लोग दूसरे राज्य में पलायन कर जाते है. रेलवे स्टेशन में इन ग्रामीण मजदूरों की अच्छी खासी भीड़ लगी रहती है.

कोरोनाकाल के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा पलायन जिले से ही लोग करते हैं. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि जिम्मेदार कांग्रेस सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है। सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों को रोजगार दिया ही नहीं केवल ठगी किया है. जबकि मतदान प्रतिशत पर इसका खासा असर पड़ेगा.

बता दे आने वाले 17 नवंबर को लोकतंत्र के महापर्व के तहत विधानसभा के लिए मतदान होना है। लेकिन जिले की बड़ी आबादी के लिए नागरिकता धर्म से बढ़कर पेट की आग है। जिले के नवागढ़, अकलतरा, शिवरीनारायण क्षेत्र से बड़ी संख्या में हर रोज ग्रामीण गुजरात, महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में मजदूरी के लिए जा रहे हैं.

जागरूकता अभियान पर भी सवाल :

वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा शहर से लेकर गांव-गांव तक स्कूल-कालेजों में मतदान जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि मतदान ज्यादा से ज्यादा हो सके। लेकिन अभी वर्तमान में जिले के हर रेलवे स्टेशन पर पलायन करने वाले मजदूरों की भीड़ नजर आ रही है.

सरकारी रिकॉर्ड में एक भी पलायन नहीं

जिले से बड़ी संख्या में हर रोज ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। पलायन की जानकारी जब श्रम विभाग के अधिकारियों से मांगा गया तब उन्होंने कहा कि पलायन का कोई रिकार्ड ही नहीं है। साथ ही अधिकारी का कहना है कि पलायन ग्रामीण अभी नहीं कर रहे हैं। बल्कि फसल कटने के बाद जाते हैं। ग्रामीण पलायन कर रहे हैं तो विशेष टीम को लगाएंगे। मतदान में वे वापस आ जाए इसके लिए समझाइश दी जाएगी .

बिलासपुर से 1.15 लाख से अधिक श्रमिकों का पलायन

जिले से 1.15 लाख से अधिक श्रमिक पलायन करते है. अब ठंड आते ही फिर पलायान का दौर शुरू हो चुका है. बसों और ट्रोनों के माध्यम से श्रमिक पलायन करने लगे है। सबसे अधिक पलायन मस्तूरी और बिल्हा क्षेत्र। इसमें इनकी संख्या हजारों में होती है. श्रमिकों का कहना है कि उन्हें यहां पर्याप्त काम नहीं मिलता है.

इसकी वजह से दूसरे राज्य जाते हैं. वहीं इसका असर अब चुनाव में दिखेगा . वहीं जिला पंजायत सीईओ अजय अग्रवाल का कहना है कि पलायन रोकने के लिए उनके पास रणनीति है, जो श्रमिक जा रहे हैं, समझाइस देकर रोकेंगे.

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button