खरोराछत्तीसगढ़

खरोरा: राज्य सिरजन तिहार CKS ने की छत्तीसगढ़ महतारी की महाआरती

खरोरा के नए बसस्टैण्ड गार्डन के पास स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की महाआरती 1 नवम्बर राज्य सिरजन तिहार पर किया गया, छत्तीसगढ़ राज्य को नवनिर्माण के 23 साल पूरे हुए और इस वर्ष विधानसभा का चुनाव भी है पर इस वर्ष चुनाव छत्तीसगढ़ महतारी के गौरव का त्योहार बन चुका है, आज से पहले कोई भी चुनाव राज्य गौरव और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान से ओत प्रोत कभी भी नही रहा पर इस बार छत्तीसगढ़ियावाद विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा है जहां एक ओर कांग्रेस खुद को छत्तीसगढ़ की संस्कृति का पोषक बता रही है वहीं दूसरी ओर बीजेपी इस मामले में कांग्रेस पर खोखलापन का आरोप लगा रही है और दिखावेबाज बता रही है इन सब से अलग इस प्रदेश की एक मात्र गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना लगातार छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और सांस्कृतिक विरासत के लिए लड़ाई लड़ रही है, प्रदेश के पुरखों के मान की अनदेखी हो, यहां की ऐतिहासिक धरोहरों का नाम परिवर्तन हो या फिर जल जंगल जमीन की लड़ाई यह संगठन जमीनी स्तर पर लड़ रही है।

क्योंकि इस बार इस गैर राजनीतिक संगठन ने अपना राजनीतिक विंग भी तैयार कर लिया है और विधानसभा चुनाव में कूद भी पड़े हैं।

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने प्रदेश के 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जिनमें 37 सीट जीतने का दावा भी पार्टी कर रही है, पार्टी के मुखिया अमित बघेल खुद अपने गृह विधानसभा धरसींवा सीट से प्रत्याशी हैं उनका मुकाबला बीजेपी के अनुज शर्मा और कांग्रेस के छाया वर्मा से है, क्षेत्र की जनता लगातार बदलाव की पक्षधर रही है ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय बन पड़ा है इसके बावजूद भी अमित बघेल को लेकर आम छत्तीसगढ़िया समाज की दीवानगी दिख रही है।

वहीं जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के नए और कमउम्र के उम्मीदवार दिग्गजों को नकोचने चबवा रहे हैं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा से पाटन का क्रांतिकारी युवा उम्मीदवार मधुकांत साहू लगातार जनप्रिय बन रहे हैं वहीं राजनांदगांव सीट से 23 साल का युवा मनीष देवांगन बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भूपेश बघेल के बहुत करीबी गिरीश देवांगन को कड़ी टक्कर दे रहे हैं तो दूसरी ओर रायपुर उत्तर और पश्चिम विधानसभा से जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी की दो महिला प्रत्याशी लक्ष्मी नाग और ऋचा वर्मा मैदान में हैं जिससे राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को बहुत ज्यादा मेहनत करना पड़ रहा है।

विधानसभा चुनाव के साथ त्योहारों की तिथि और फसल की कटाई के साथ धान खरीदी भी होनी है ऐसे में नेताओं के लिए यह समय परीक्षा का है।

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