दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का समय और नियम जानिए ..वर्षों बाद बना ऐसा संयोग
नई दिल्ली दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर मनाने का विधान होता है। दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का काफी महत्व होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है। दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी।
दिवाली की शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी उसी दौरान 5 राजयोग का निर्माण भी होगा। इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा। इस तरह से दिवाली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी।ज्योतिषाचार्यो का मनाना है कि दीपावली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। ऐसे में इस शुभ योग में दिवाली सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगलकामना साबित होगी।
दिवाली की लक्ष्मी पूजा हमेशा प्रदोष काल में ही करना चाहिए. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद से प्रारंभ होता है. दिवाली पर सूर्यास्त शाम 05:29 बजे होगा.
दिवाली को पूजा के समय कमल पर विराजमान माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना करें. स्थाई धन और संपत्ति की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा करें.
पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की प्रसन्न मुद्रा वाली ही मूर्ति लें. मूर्ति सुंदर और भव्यता वाली हो. उनके नैन नक्श सही हों. तेजहीन मूर्ति न लें. गणेश जी की वामावर्ती सूंड़वाली मूर्ति होनी चाहिए.
पूजा के समय ध्यान रखें कि मूर्ति खंडित न हो. पूजा स्थान पर लक्ष्मी-गणेश की एक ही मूर्ति हो. एक ही देवी और देवता की एक से अधिक मूर्ति नहीं रखते हैं. पुरानी मूर्ति को वहां से हटा दें और बाद में उसे विसर्जित कर दें.
लक्ष्मी पूजा में कमलगट्टा, लाल गुलाब, कमल के फूल, कुमकुम, सिंदूर, अक्षत्, धूप, दीप आदि का उपयोग करना चाहिए.
लक्ष्मी कृपा पाने के लिए पूजा के समय माता को पीली कौड़ियां अर्पित करें. पूजा में शंख का उपयोग करें.
दिवाली पर माता लक्ष्मी को खील-बताशे, दूध चावल या मखाने से बनी खीर, दूध से बनी कोई सफेद मिठाई का भोग लगाएं.
माता लक्ष्मी और गणेश जी के लिए घी का दीपक जलाएं. देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए घी का दीपक जलाते हैं. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आप तिल के तेल या सरसों के तेल का दीप जलाएं.
धन संकट से मुक्ति के लिए माता लक्ष्मी को 7 या 9 बत्ती वाला घी का दीप जलाना चाहिए. दिवाली पर दीपक जलाने के लिए अलसी के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं. इससे राहु और केतु का दुष्प्रभाव दूर होता है और नजरदोष भी मिटता है.
यदि लक्ष्मी मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो कमलगट्टे की माला का उपयोग करें.
दिवाली 2023 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
12 नवंबर को माता लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 57 मिनट तक है.