जाने आखिर किसने किया अयोध्या के ‘श्रीराम मंदिर’ का डिजाइन? कैसा है मंदिर का वास्तु
उत्तरप्रदेश: अयोध्या में 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान रामलला का मंदिर अब बनकर तैयार है। इस भव्य मंदिर में जनवरी में रामलला विराजमान होने वाले हैं। प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होने वाला है। इस क्रार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश-विदेश से लाखों लोगों के अयोध्या पहुंचने की संभावना है। आलम यह है कि इस वक्त अयोध्या के सारे होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशाले बुक चल रहे है। इसे देखते हुए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से विभिन्न स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें ठहरने और भोजन की उत्तम व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी। अयोध्या में प्रस्तावित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर या धार्मिक स्थल बनेगा।
किसने तैयार किया है मंदिर का डिजाइन?
मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा ने अपने बेटों के साथ डिजाइन किया है। चंद्रकांत सोमपुरा को इस मंदिर का डिजाइन बनाने के लिए साल 1992 में नियुक्त किया गया था। साल 2020 में जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो मंदिर के पुराने डिजाइन में कुछ बदलाव करके उसे स्वीकार कर लिया गया और उसी के अनुसार मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। राम मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होगा। यह मंदिर नागर शैली में बनाया जा रहा है।
नागर शैली भारतीय मंदिर निर्माण की वास्तुकला के प्रकारों में से एक है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर बनाया जाएगा जो गोपुरम शैली में होगा। यह द्वार दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करेगा। मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी। वास्तुकारों ने मंदिर परिसर में प्रार्थना कक्ष, राम कथा कुंज, वैदिक पाठशाला, संत निवास, यति निवास, संग्रहालय और कैफेटेरिया को डिजाइन किया है। मंदिर के साथ इनका निर्माण भी किया जा रहा है।