रायपुर। राजधानी का नगर निगम जोन-3 अपने गलत कार्यों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहता है,शासन द्वारा बनाए गए नियमों के विपरीत बनाए जा रहे आवासीय व व्यवसायिक अवैध निर्माण का आखिर जिम्मेदार कौन हैं शासन द्वारा अवैध निर्माणकर्ता से राजीनामा व नियमितीकरण के नाम पर अर्थदंड के रूप में हर्जाना लेकर अवैध निर्माण को वैध तो कर दिया जाता है मगर किसी भी अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी जिन आला अधिकारी व कर्मचारीयों की है उन पर अवैध निर्माण के नाम पर किसी तरहा की कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिलती जिनके वजह से अवैध निर्माण हुवा है आखिर विभाग के रहते हुवे अधिकारी व कर्मचारीयो के रहते आखिर कैसे हो गया अवैध निर्माण आखिर अधिकारी व कर्मचारीयो ने क्यों समय रहते अपने पद के अनुरूप क्यों नहीं किया कार्य जिनके वजे से पुरे छेत्र मे हुवा अवैध निर्माण उनपर उचित जांच कर कार्यवाही क्यों नहीं करती सरकार लापरवाही से या मिलीभगत से अवैध ही होता है अवैध निर्माण इसी कड़ी में वर्तमान मे राजधानी स्थित मोवा के आदर्श नगर मे एक पुलिस कर्मचारी राजकुमार प्रधान द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है जिसे नियमानुसार अवैध निर्माण के लिए तीन बार नोटिस जारी किया जा चुका है इसके बावजूद उक्त निर्माण करता द्वारा सेंटरिंग प्लेट लगा छत ढलाई की पूरी तैयारी की जा चुकी है
अगर भविष्य मे इस अवैध निर्माण पर छत ढलाई की जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा पूर्व से ही उक्त अवैध निर्माण मे नगर निगम की मिलीभगत देखने सुनने को मिल रहा है विचार करने योग्य बात यह है की अभी उक्त निर्माण का राजीनामा किया भी जाता है तो जितना निर्माण हो चूका है उसमे ही राजीनामा की कार्यवाही या प्रक्रिया की जायगी और पुलिस कर्मचारी राजकुमार प्रधान द्वारा अगर छत ढलाई की जाती है तो वह पूरी तरहा से अवैध रूप से ही की जानी है बिना निगम के मिलीभगत के यहाँ छत ढलाई मुमकिन नहीं।