रायपुर। सरगुजा संभाग के हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पर भाजपा सरकार और कांग्रेस के नेता अब आमने सामने आ गए है। पेड़ों की कटाई को लेकर दोनों की पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है।
जंगल में पेड़ों की कटाई को लेकर मुख्यमंत्री साय ने पिछले दिनों मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति कांग्रेस की सरकार ने दी थी। मुख्यमंत्री साय के इस बयान का कांग्रेस नेताओं ने खंडन किया है।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा सरकार बनते ही 50 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके है…
राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेेंस कर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा भाजपा सरकार अडानी के हितों को सवंर्धित करने के लिये राज्य के जल, जंगल, जमीन खनिज संपदा को अडानी को सौंपना शुरू कर दिया है। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी हसदेव अरण्य क्षेत्र में वनों की अंधाधुंध कटाई शुरू की जा चुकी है। 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके है।
सभी कोल खदानों को निरस्त करने प्रस्ताव पारित किया गया थाः कांग्रेस
शुक्ला ने कहा, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपनी सरकार के पाप को छुपाने के लिये कहते है हसदेव में कटाई के आदेश पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दिये थे जबकि हकीकत यह है कि यहां पर कटाई के लिये आदेश और पर्यावरण स्वीकृत केंद्र की मोदी सरकार ने दिया था तथा कांग्रेस सरकार ने इस स्वीकृति को राज्य के स्तर पर निरस्त कर दिया था। केंद्र में भी इसे निरस्त करने के लिये पत्र लिखा था। 31.10.2022 को इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माईंस कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने को कहा था। विधानसभा से भी कांग्रेस सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोल खदानों को निरस्त किया जाये।
अडानी को फायदा पहुंचाना चाहती है भाजपा सरकार
लेमरू एलिफेंट कारीडोर में मोदी सरकार के द्वारा आवंटित कोयला खदानों के खिलाफ भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। इस दौरान मोदी सरकार के कोयला मंत्री ने रायपुर आकर यह भी कहा कि जहां पर कोल बेयरिंग एक्ट लागू होता है वहां पेसा कानून के प्रावधान लागू नहीं होते किसी के आपत्ति या सहमति से कोल खनन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा मोदी सरकार उस क्षेत्र में भी कोयले का खनन जारी रखेगी। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद अडानी को फायदा पहुंचाने पेड़ों की कटाई शुरू हो चुकी है।