आरंगछत्तीसगढ़

नियम विरुद्ध जॉब कार्ड बनाकर लाखों की हेराफेरी,आरंग पी ओ पर लगा लगा गंभीर आरोप

आरंग। जनपद पंचायत आरंग अंतर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी शाखा के कार्यक्रम अधिकारी के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का मामला संज्ञान में आया है। आरटीआई कार्यकर्ता अजीत कुमार ढीढी के द्वारा जनपद कार्यालय में आरंग में सूचना के अधिकार के तहत नवीन जॉब कार्ड पंजीयन हेतु मापदंड की जानकारी चाहिए गई थी। इसके संबंध में विभाग द्वारा नियम एवं शर्तों की प्रति दिए जाने के उपरांत उक्त आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा जनपद पंचायत अरंग के विभिन्न ग्राम पंचायत का ऑनलाइन निरीक्षण जांच किया गया।

तदुपरांत यह पाया गया कि उक्त नियम विरुद्ध अनेक जॉब कार्ड जारी किया गया है एवं पंजीकृत मजदूरों को कार्य दिया गया है साथ ही मजदूरी भुगतान भी किया गया है। चूंकि उक्त जॉब कार्ड नियम विरुद्ध जारी किए जाने के फल स्वरुप कार्य दिया जाना अवैधानिक है एवं मजदूरी भुगतान किया जाना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। जिसको वसूली किए जाने की शिकायत जिलाधीश रायपुर को अजीत कुमार ढीढी के द्वारा 22 नवंबर 2023 को लिखित शिकायत किया गया है।

जिसके परिपेक्ष में आज पर्यंत तक कार्यवाही नहीं किए जाने के चलते शिकायतकर्ता द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों को उच्च अधिकारियों द्वारा संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाया गया है।

लगभग 25 ग्राम पंचायत का ऑनलाइन जांच करने पर यह पाया गया कि 18-19वर्ष के एकांकी पुरुषों का जॉब कार्ड जारी किया गया है एवं 19-20 वर्ष के एकांकी लड़की/महिला को भी जॉब कार्ड जारी किया गया है जिनकी संख्या हजारों में है।

शिकायतकर्ता ने अपने शिकायती पत्र में विकासखंड आरंग अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जारी जॉब कार्ड की ऑनलाइन जांच कर करने शिकायत पत्र जिलाधीश महोदय को प्रस्तुत किया है।

साथ ही शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारी के विरुद्ध पद का दुरुपयोग करते हुए आर्थिक भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर कठोर कार्यवाही करने का आग्रह किया है।

प्राय: यह देखा गया है कि आरंग जनपद कार्यालय के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शाखा के कार्यक्रम अधिकारी अनिल चंद्राकर के द्वारा अपने चहेते एवं आर्थिक लाभ पहुंचा सकने वाले सरपंच/ग्राम पंचायत को अधिक मनरेगा अधिनियम को ताक पर रखकर अधिक संख्या में जॉब कार्ड जारी किया गया है।

सोचने वाली बात यह है कि क्या लगभग 6 वर्ष से अधिक लंबे समय से उक्त अधिकारी के द्वारा जनपद कार्यालय आरंग में काबिज होने के फल स्वरुप यह आर्थिक भ्रष्टाचार का व्यवसाय फल फूल रहा है। क्या इस पर अंकुश लगाम लगाया जाना उचित होगा? यह उच्च अधिकारियों के लिए एक चुनौती है क्योंकि आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत कर लिखित शिकायत किए जाने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जाना व्यापक भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जाना प्रस्तुत हो रहा है।

साथ ही ऑनलाइन जांच करने पर यह भी देखा गया है कि हजारों की संख्या में ऐसे पंजीकृत जॉब कार्ड धारक हैं। जिन्हें जनपद कार्यालय आरंग महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शाखा के द्वारा मजदूरी/कार्य दिये जाने में कार्यालय असमर्थ रहा है।

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