पूर्व मंत्री डहरिया की पत्नी पर निगम के सामुदायिक भवन पर कब्जा का गंभीर आरोप, करोड़ों के भवन में चल रहा निजी समिति का आलिशान कार्यालय !
रायपुर । छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री रहे शिव डहरिया की पत्नी पर सरकारी भवन पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लग रहा है। राजधानी रायपुर में आम लोगों की सहुलियत के लिए बने सामुदायिक भवन पर कब्जा कर निजी सिमिति का कार्यायल संचालित किये जाने का मामला बुधवार को नगर निगम की सामान्य सभा में उठा। निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के इन आरोपों के बाद एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गयी है।
छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के बंगले से इलेक्ट्रॉनिक सामानों को उठा ले जाने का मामला आप सबको मालूम ही होगा। पूर्ववर्ती सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया पर सरकारी बंगले से सामानों को उखाड़कर ले जाने का आरोप लगा था। अभी ये मामला शांत ही हुआ था कि अब शिवडहरिया की पत्नी शकुन शिव डहरिया पर रायपुर के शताब्दी नगर में नगर निगम के करोड़ों रूपये के सामुदायिक भवन पर कब्जा कर आफिस संचालित करने का गंभीर आरोप लगा है।
बुधवार को रायपुर के नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने इस मुद्दे को उठाते हुए निगम के सामुदायिक भवन को निजी संस्थान को आफिस के लिए आबंटित किये जाने पर सवाल उठाया गया। नगर निगम के दो मंजिला सामुदायिक भवन में राजश्री सद्भावना समिति को आबंटित किये जाने के सवाल पर निगम का सदन गरमा गया। कांग्रेस के एमआईसी सदस्य द्वारा उक्त सामुदायिक भवन को किसी भी संस्था को आबंटित नही किये जाने की जानकारी दी गयी। लेकिन मौके पर उक्त सामुदायिक भवन में आज भी राजश्री सदभावना समिति का कार्यायल संचालित है।
बताया जा रहा है कि इस सामुदायिक भवन के ग्राउंड फ्लोर पर समिति का कार्यालय और प्रथम तल पर आलिशान एसी बेडरूम डिजाइन तैयार किये गये है। आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में उक्त सामुदायिक भवन के निर्माण में नगर निगम से करोड़ो रूपये खर्च करने के साथ ही उसके रिनोवेशन पर भी लाखों रूपये खर्च किये गये। निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने बताया कि शताब्दी नगर में आलिशान सामुदायिक भवन में संचालित संस्थान शकुन शिव डहरिया की बतायी जा रही है, जो कि पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी है। वहीं निगम की सामान्य सभा में उठे इस सवाल पर महापौर एजाज ढेबर ने मीडिया से चर्चा में बताया कि ऐसा नही होना चाहिए। अगर भवन में किसी का कब्जा है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी। अगर इस कार्य में जो भी अधिकारी सम्मिलित होंगे उन्हे सीधे कार्य से मुक्त कर दिया जायेगा।