कांग्रेस की मशाल रैली इस जिले में महज खानापूर्ति हुई साबित
रायपुर । कांग्रेस के खातों को फ्रीज किये जाने के विरोध में शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने नेताओं ने प्रदेशव्यापी मशाल रैली निकालकर केंद्र सरकार का विरोध किया गया। आम चुनाव के वक्त कांग्रेस का यह बड़ा आंदोलन छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला में महज खानापूर्ति ही साबित हुआ। कहने को इस मशाल रैली में पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शामिल तो हुए, लेकिन मीडिया में जब बयान देने की बारी आई, तो पूर्व मंत्री किनारे हो लिये और महापौर के साथ जिलाध्यक्षों को सामने कर दिया। ऐन चुनाव के वक्त कांग्रेस के बड़े नेताओं की चुप्पी और मीडिया में बयान देने से बचने को लेकर अब चर्चाओं का बाजार गर्म है।
आम चुनाव की सरगर्मियां देशभर के साथ ही छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों में साफ देखी जा सकती है। छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी लोकसभा चुनाव में 400 पार के नारे के साथ अति उत्साह में नजर आ रही है। वहीं सूबे में कांग्रेस पार्टी में व्याप्त अंतर्कलह किसे से छिपी नही है। इसी अंतर्कलह और आपसी मनमुटाव के बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर शनिवार को केंद्र सरकार को घेरने के लिए प्रदेशव्यापी मशाल रैली का आह्वान किया गया था। इस मशाल रैली के माध्यम से कांग्रेस पार्टी के नेता केंद्र सरकार पर जोरदार हमले की तैयारी में थे। लेकिन पार्टी के भीतर खाने में चल रही अंदरूनी राजनीति के सामने सूबे के कई जिलों में मशाल रैली की राजनीति फीकी साबित हुई।
कुछ ऐसा ही नजारा औद्योगिक नगरी कोरबा जिला में भी देखने को मिला। यहां पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की मौजूदगी में ट्रांसपोर्ट नगर चौक से सीएसईबी चौक तक मशाल रैली निकाला गया। रैली में पूर्व मंत्री के साथ ही नगर निगम के महापौर, जिलाध्यक्ष सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे। सीएसईबी चौक पर रैली खत्म होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता के साथ ही मीडिया को पूर्व मंत्री के बयान का इंतजार था। मीडिया कैमरा ताने पूर्व मंत्री का बयान लेने ताकती रही,लेकिन इस प्रदेशव्यापी मशाल रैली और केंद्र सरकार को घेरने के लिए महापौर और जिलाध्यक्ष को सामने कर दिया गया। दबंग नेता के रूप में पहचाने जाने वाले पूर्व मंत्री जयसिंह का एकाएक मीडिया से दूरी अब शहर के साथ ही प्रदेश में चर्चा का विषय है।
आपको बता दे कि नेता प्रतिपक्ष डाॅ.चरणदास महंत ने पिछले दिनों पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर बीजेपी द्वारा दबाव बनाये जाने का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होने मीडिया में आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी जयसिंह अग्रवाल को अपने पार्टी में शामिल करने का दबाव बना रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि क्या पूर्व मंत्री वाकई में किसी राजनैतिक दबाव में है ? या फिर विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी की अंदरूनी अंतर्कलह के कारण वो फ्रंटफूट पर खेलना ही नही चाहते ? खैर वजह जो भी हो कांग्रेस नेताओं की चुप्पी से समझा जा सकता है कि आम चुनाव के मुहाने पर खड़ी छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अभी भी सबकुछ ठीक नही चल रहा है। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस आलाकमान इस डैमेज को समय रहते कंट्रोल कर पाती है या नही……ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।