हेमन्त कुमार साहू ।
दंतेवाड़ा जिला के किरंदुल नगरपालिका को छत्तीसगढ़ का सब से धनी नगरपालिका माना जाता है, नगरपालिका किरंदुल आये दिन किसी न किसी बड़े विवाद से घिरा नजर आता है, अगर कहा जाये घोटालो का नगरपालिका तो गलत नहीं होगा। ताजा मामला जिसमे नगरपालिका के द्वारा कुछ स्व सहायता समूह को एस, एल,आर, एम,सेंटर मे कचरा की सफाई के लिए 65 दीदियों को कार्य पर रखा गया है ।
इन दीदियों को रोजाना मानदेय 307 रू कलेक्टर दर और 12% अधिक के हिसाब से 36 रू कुल महीने की मानदेय 9652 रू होता है ।
परन्तु निहाल, किरण, ख्वाइसी, दंतेश्वरी ये चार महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा नगरपालिका से सफाई के कार्य की निविदा प्राप्त की गयी है और जो दीदियों को सफाई के लिए कार्य पर रखा गया है उनको सिर्फ 200 रु रोजाना के हिसाब से 6000 रु . महीना मानदेय दिया जा रहा है,
जबकि कलेक्टर दर 307 और 12% अधिक मिला कर रोजाना 342 रू दिया जाना था सुचना का अधिकार से ली गयी जानकारी मे नगरपालिका से प्राप्त हुआ कि दीदियों के लिए 342 रु. की रोजाना भुगतान किया जा रहा है और सफाई मे कार्य कर रहे दीदियों को सिर्फ 6000रु. महीना वो भी उनके बैंक खाते मे दिया जा रहा है ।
इन कार्य के लिए 65 दीदियों को मई 2021 से कार्य पर लगाया गया है तब से ले कर अब तक इन दीदियों को महीना 6000 रु. ही दिया जा रहा है। इस तरह से हरेक दीदियों के मानदेय से हर महीने 3652 रू का बंदरबाट किया जा रहा है
जब हम ने इन स्व सहायता समूह के अध्यक्ष एवं सचिवों से इसके जानकारी लेनी चाहिए तो जानकारी मिली की सभी स्व सहायता समूह के अध्यक्ष एवं सचिव को इस बात की कोई जानकारी ही नहीं पूरा लेखा जोखा कौन करता है इसके बारे मे वो बताने मे भी असमर्थ है ।
इन सब से बड़ी बात हैं कि किरंदुल नगरपालिका वार्ड क्र 4 के पार्षद अमृत टंडन की धर्मपत्नी जो कभी भी कार्य नहीं की है के बैंक खाते मे हर महीने 6000 रू दिया जा रहा है, ऐसे और भी कुछ पार्षदों के परिवारजनों के बैंक खाते मे बिना कार्य के पैसे दिया जा रहा है ।
कुछ दीदियों के नाम तो ऐसे संदिग्ध है जिनको कोई जनाता ही नहीं और कभी कार्य नहीं किये है उन सभी के बैंक खातों मे पैसे दिये जा रहे है ।
जब स्वच्छता समूह के अध्यक्ष और सचिव को इन लेखा जोखा की कोई जानकारी नहीं तो आखिर जानकारी किसको है अब हमारे द्वारा इस घोटाले को ले कर जिला कलेक्टर से लिखित शिकायत की गयी है।
जिला श्रम विभाग और मुख्य नगरपालिका अधिकारी का कार्य संभाल रहे अनु विभागीय अधिकारी राजस्व बचेली को भी लिखित शिकायत की गयी है ।
अब देखना होगा कि इन सब के पीछे का असली घोटालेबाज दीदियों के साथ इतने बड़ा घोटाला करने वाला है कौन और इन दीदियों को आखिर उनके मेहनत की राशि कैसे मिलेगी।