पंडित प्रदीप मिश्रा ने रायुपर में कथा के लिए ली कितनी फीस? जानिए कहां से होती है उनकी कमाई
सीहोर: अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) का आज से रायपुर के अमलेश्वर में शिव महापुराण कथा का आयोजन होने जा रहा हैं। यह महापुराण आयोजन आने वाल पांच दिनों तक जारी रहेगा। इस कथा प्रवचन को सुनने लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे लिहाजा सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर प्रशासन ने व्यापक तैयारी की हुई हैं। इसी तरह पुलिस ने भी ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभाल ली हैं। यातायात पुलिस ने कथा प्रवचन से पहले शहर के लिए रोडमैप भी जारी किया हैं। प्रचंड गर्मी के बीच होने जा रहे इस आयोजन के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी अलर्ट पर रखा गया हैं। प्रदीप मिश्रा की कथा शुरू होने से पहले एक बार फिर ये सवाल पूछा जा रहा है कि प्रदीप मिश्रा एक कथा के लिए कितनी फीस लेते हैं? तो चलिए आपको बताते हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा कथा के लिए कितनी फीस लेते हैं।
आपको बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा कथा के लिए किसी प्रकार की फीस चार्ज नहीं करते हैं, जिसका खुलासा वो कई बार मीडिया के सामने कर चुके हैं। पिछले साल ही भिलाई में उनकी कथा का आयोजन जजमान विनोद के द्वारा कराया गया था। इस दौरान भी पंडित प्रदीप मिश्रा ने मीडिया के सामने आकर बताया था कि वो कथा के लिए फीस नहीं लते हैं। इस दौरान उनके साथ जजमान विनोद भी थे, उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा कथा के लिए किसी प्रकार की फीस नहीं लेते हैं। हालांकि अभी इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि अमलेश्वर में उन्होंने आयोजकों से कथा के लिए कितनी फीस ली है।
कहां से होती है प्रदीप मिश्रा की कमाई
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, इससे भी उनकी आमदनी होती है। वे अपनी कमाई का एक हिस्सा गरीबों को दान में दे देते हैं। इसके अलावा कथा के दौरान हुई चढ़ोतरी से भी उनकी आय होती है, जिसे वो कुबेरेश्वर धाम में लगाते हैं। बता दें कि रायपुर में कथा के लिए प्रदीप मिश्रा ने कितनी फीस ली है? ये बात अभी तक आयोजकों की ओर से भी नहीं बताई गई है और ना ही पंडित प्रदीप मिश्रा ने कुछ जानकारी दी है।
कौन है पंडित प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में 1980 में हुआ था। उन्होंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। बता दें पंडित प्रदीप मिश्रा बचपन से ही शिव मंदिर में कथा वाचन करते थे और वे अपनी कथा में शिवपुराण का प्रवचन सबसे ज्यादा करते हैं। यही से उनकी कथा वाचक के तौर पर प्रसिद्धि बढ़ गई और आज के समय उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं।